बीएचयूः इलाज महंगा किये जाने से नाराज छात्र डायरेक्टर से मिल जताई आपत्ति

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बीएचयूः सर सुंदरलाल हॉस्पिटल को पूर्वांचल का सबसे बड़ा हॉस्पिटल या एम्स कहा जाता है. यहां पर पूरे पूर्वांचल से मरीज पहुंचते हैं. यहां पर आने वाले मरीज अपने इलाज के लिए बहुत उम्मीद रखे होते हैं. दूसरी ओर दिन प्रतिदिन अस्पताल की व्यवस्थाएं खराब होती चली जा रही हैं. विभागों में भ्रष्टाचार व्याप्त है.उक्त आरोप सपा व छात्र नेता आशुतोष सिंह यीशु ने लगाए. कहा कि सुंदर लाल चिकित्सालय के लगभग हर डॉक्टर का एक मेडिकल दुकान फिक्स है जहां पर ही वह दवाई लेने को लिखते हैं.

आईएमएस के डायरेक्टर को सौंपा ज्ञापन

 

उन्होंने कहा कि इसी सब भ्रष्टाचार को लेकर हम लोगों ने आज आईएमएस के डायरेक्टर शंखवार को विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा है. इसमें प्रमुख रूप से अस्पताल में स्ट्रेचर की अनुपलब्धता, ओपीडी में डॉक्टरों की अनुपस्थिति, जेनरिक दवाओं की अनुपलब्धता, दलालों का हॉस्पिटल परिसर में प्रवेश निषेध हो, ऑन्कोलॉजी विभाग मे मरीजों के इलाज में की गई बढ़ोत्तरी वापस की जाए आदि है.

सस्ता की जगह महंगा किया इलाज

जहाँ एक तरफ केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि कैंसर का इलाज सस्ता किया जाए वहीं BHU के सर सुन्दर लाल हॉस्पिटल इसके इलाज को और महंगा कर दिया गया है. जैसे कैंसर की जांच कीमोथेरेपी पहले मुफ्त में की जाती थी लेकिन अब इसके लिए 500 ₹ देने पड़ रहे हैं. अस्पताल प्रशासन ने सर्जिकल आर्कोलॉजी विभाग में 6 तरह की जांचों की फीस बढ़ा दी है. इनमें से 5 ऐसी जांचे है जिसमें पहले मरीजों को कोई फीस नहीं लगती थी , इसमें कुसा जांच का 2000 , साव का 1000 , कोलपोस्कोपी 350 रुपए आदि देने होंगे. साथ ही बायोस्कोपी जांच का शुल्क 500₹ से 1000 ₹ कर दिया गया है.

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दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए अस्पताल में निम्नवत समस्याओं को संज्ञान मे लेते हुए जल्द से जल्द समाधान करने की कृपा करें अन्यथा छात्र एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य हो होंगे. इसमें मुख्य रूप से आशुतोष सिंह “यीशु”, शिवांश, शशांक, अजय, करन, बिनीत, संतोष, संटू, हिमांशु, ऋतिक, अंकित, दिव्यांशु, राज, शशि आदि छात्र उपस्थित रहें.

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