वाराणसी के घाटों पर फ्री में सेवा देंगे गोताखोर, बिना लाइफ जैकेट के नहीं होगी नाव की सवारी
मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के तत्वाधान में मांझी समाज की एक विशाल बैठक
वाराणसी: महादेव की नगरी काशी में आने वाले महापर्व सावन माह को देखते हुए कांवरियों तीर्थ यात्रियों को गंगा स्नान घाटों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बनारस के मांझी समाज की एक विशाल बैठक सोमवार को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद घाट पर मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित की गई है. बैठक की शुरुआत बाबा विश्वनाथ की फोटो पर फूल-माला अर्पित कर मां गंगा में दूध चढ़ाकर किया गया. समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद गुरु ने बनारस के समस्त माझी समाज के आए हुए 84 घाटों के मुखिया सहित घाट के नौका चालकों को शपथ दिलाते हुए महत्वापूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला.
कांवरियों अथवा काशी में स्नान करने वाले तीर्थ यात्री अगर गंगा में फिसल कर डूब रहा होगा तो उसे बनारस के 84 घाट के नौका धारक समाज अपनी जान जोखिम में डालकर भी बचाने का कार्य करेगा और वाराणसी के सभी घाटों पर समिति की ओर से निः शुल्क गोताखोर भी तैनात रहेंगे.
बिना सुरक्षा उपकरण के यात्री बैठाने पर कार्रवाई
समिति के महानगर अध्यक्ष जितेंद्र साहनी एवं महानगर सचिव प्रकाश साहनी ने बताया कि सभी नौका धारक कांवरियों तथा तीर्थ यात्रियों को अपनी नौका पर बिना लाइव जैकेट के नहीं बैठाएंगे. यदि कोई भी बिना सुरक्षा उपकरण के यात्री बैठायेगा तो समिति उस नौका चालक पर कठोर कार्रवाई करेगी.
समिति के वरिष्ठ नेता श्री गोपाल प्रसाद निषाद जी ने बताया कि जिला प्रशासन, जल पुलिस, एनडीआरएफ के जवान भी गंगा किनारे डूबते हुए लोगों को जो बचाने का कार्य करते हैं,हमारे माझी समाज की ओर से कोटि- कोटि धन्यवाद है.
गंगा आरती में गलती मिलने पर नौका संचालन पर रोक
समिति के युवा नेता मोनू साहनी अस्सी घाट ने सभी नाविकों को कड़े रुप में समझाया कि मां गंगा में बाढ़ का पानी आना शुरू हो गया है. मां गंगा की आरती जब समाप्त हो जाती है तो सभी नौका धारक सभी लोग अपनी नौका एक साथ खोलकर चलने लगते हैं जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है. यदि गंगा आरती में कोई भी नाविक गलती करते हुए पाया जाता है, उसको 6 माह नौका संचालन नहीं करने दिया जाएगा और उसके खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई कराई जाएगी.
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समिति का संचालन कर रहे राष्ट्रीय सचिव हरिश्चंद्र केवट ने बताया कि हम नौका धारक समाज अनादि काल से कांवरियों व तीर्थ यात्रियों की सेवा भाव से करते चले आ रहे हैं. यह कार्य आगे भी जारी रहेगा यदि शासन प्रशासन हमारी परंपरा और व्यवस्था में दखल देगा तो हम समस्त समाज के लोग मिलकर विरोध भी करने का काम करेंगे.