BHU के भारत कला भवन में लगेगी RSS भवन की तस्वीर

प्रमिल पाण्डेय ने सेक्शन अफसर को सौंपी तस्वीर ,कहा-लोग जानेंगे इतिहास

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BHU: काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित भारत कला भवन में पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वोयंसेवक संघ (आरएसएस) भवन की तस्वीर को प्रमील पाण्डेय द्वारा लगाने के लिए दिया गया. उन्होंने कहा कि आज मैं अपने पत्नी के साथ इस तस्वीर को सौंपने के लिए यहां पहुंचा हूं‌. उन्होंने बताया कि बीएचयू के रिटायर्ड प्रोफेसर द्वारा मुझे संघ भवन की तस्वीर प्राप्त हुई थी. उन्होंने कहा कि उसके बाद मैंने दस्तावेज और विभिन्न पत्रिकाओं से इसके इतिहास को जुटाया.

कला भवन को लिखा था पत्र

प्रमिल पाण्डेय ने कहा कि संघ भवन के इतिहास को खत्म किया जा चुका था लेकिन इसके इतिहास को पुर्नजागृत करने के लिए हमने आज तस्वीर को कला भवन में लगाने के लिए दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में हमने कलाभवन को एक पत्र लिखा था जिसके बाद उसके जवाब में कला भवन द्वारा मुझे बुलाया गया और कहा गया कि आप किसी भी समय आकर इसका इतिहास और तस्वीर दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि तस्वीर और पत्रक को यहां के सेक्शन अफसर ने रिसीव किया हैं‌.

महामना ने 1937-38 में संघ आर्मरी का स्थापना

प्रमिल पाण्डेय ने बताया कि बीएचयू में महामना द्वारा 1937-38 में संघ भवन की स्थापना कराई गई थी. विश्वविद्यालय के अभिलेखों में उसे RSS आर्मरी या RSS पवेलियन के नाम से दर्ज किया गया हैं‌. उनका कहना है कि 1975 की इमरजेंसी के दौरान पूरे विश्वाविद्यालय कैंपस में 18 कंपनी PAC तैनात की गई थी और RSS का 37 साल पुराना पवेलियन जमींदोज कर दिया गया था. रात के अंधेरे में बिजली काटकर महज 2 घंटे में ही RSS आर्मरी को तोड़ा गया और मलबे से एक-एक ईंट निकालकर कैंपस से बाहर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि यह भी माना जाता है कि उस समय के कुलपति कालू श्रीमाली ने तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इशारे पर इसे तोड़ने का काम किया था. क्योंकि कांग्रेस, RSS को नफरत का पोषक मानती थी. 48 साल बाद अब इस 5 बिस्वा जमीन की लड़ाई जारी है.

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लॉ फैकल्‍टी की जमीन पर थी आरएसएस आर्मरी

प्रमिल पांडेय ने बताया, 1937 में बनी ये हेरिटेज बिल्डिंग थी. हेडगेवार और गोलवलकर के कहने पर पंडित मदन मोहन मावलीय ने जमीन मुहैया कराई थी. मालवीय जी के आर्किटेक्ट और सिविल इंजीनियर राजा ज्वाला प्रसाद सिंह ने इसे बनवाया था. ज्वाला प्रसाद मालवीय जी द्वारा नियुक्त BHU में ही फैकल्टी थे. मालवीय जी ने इसे BHU मैप में भी शामिल कराया.
आज जहां पर फैकल्टी ऑफ लॉ का कैंपस है, वहीं इस जमीन पर 2 कमरों और एक बड़े बरामदे वाले भवन में RSS आर्मरी या शस्त्रागार था. शस्त्रों में यहां पर केवल डंडे ही होते थे. यहां पर छोटा सा संघ ग्राउंड भी था, जहां पर RSS के लोग कसरत और शाखा लगाते थे. इस पूरे कैंपस को RSS पवेलियन भी कहा जाता था.

 

 

 

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