नहीं रहे प्रसिद्ध भारतीय अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन…

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89 वर्षीय भारत के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन का निधन हो गया है। इसकी जानकारी आर्थिक नोबेल पुरस्कार विजेता क्लाउडिया गोल्डिन अपने ऑफिशियल X अकाउंट से दी गयी है। हालांकि, खबर लिखें जाने तक की किसी भी भारतीय अधिकारी या सेन के परिवार के सदस्यों की तरफ से उनकी मौत को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है।

गोल्डिन ने X पर लिखा, “एक दुख खबर। मेरे सबसे प्रिय प्रोफेसर अमर्त्य सेन का कुछ मिनट पहले निधन हो गया। मेरे पास शब्द नहीं हैं।” 3 नवंबर, 1933 को पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में जन्मे अमर्त्य सेन के अर्थशास्त्र में योगदान के लिए उन्हें 1998 में आर्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार मिला था।डॉ. सेन की उल्लेखनीय उपलब्धियों और अभूतपूर्व कार्यों ने दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है, जिससे उन्हें व्यापक प्रशंसा और सम्मान मिला है। सेन की शैक्षणिक यात्रा दुनिया भर के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों से होकर गुजरी।

कौन हैं अमर्त्य सेन ?

अमर्त्य सेन जाने माने भारतीय अर्थशास्त्री हैं। 1998 में सेन को इकोनॉमी साइंस में वेलफेयर इकोनॉमिक्स और सोशल च्वाइस थ्योरी में उनके योगदान के लिए नोबेल प्राइज से नवाजा जा चुका है। सेन को भोजन की कमी को पूरा करने और अकाल को रोकने के प्रयासों की दिशा में किए गए कामों के लिए बेहतर जाना जाता है। सेन की शिक्षा कलकत्ता (अब कोलकाता) के प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुई थी। उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से साल 1955 में बीए , 1959 में एमए और पीएचडी की डिग्नी हासिल है। सेन ने जादवपुर विश्वविद्यालयों (1956-58) और दिल्ली (1963-71), लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स सहित भारत और इंग्लैंड के कई विश्वविद्यालयों में अर्थशास्त्र पढ़ाया।

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साल 1998 में अमर्त्य सेन को मिला था नोबेल पुरस्कार

साल 1998 में भारत के अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, वैसे इससे पहले भी कई भारतीयों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें रवींद्रनाथ टैगौर, सीवी रमन, मदर टेरेसा शामिल है। लेकिन, अर्थशास्त्र में पहली बार भारत को ये पुरस्कार मिला था. इस वजह से भी भारत की काफी चर्चा हुई थी। बता दें कि अमर्त्य सेन के बाद कैलाश सत्यार्थी को भी इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

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