गंगा में बैन हुआ नावों का संचालन, जिला प्रशासन ने जारी किया आदेश

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पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा नदी का जलस्तर खतरे की ओर तेजी से बढ़ रहा है। 84 घाटों का आपसी संपर्क पूरी तरीके से टूट गया है। आज सुबह से ही गंगा में नावों के संचालन पर पूरी तरीके से रोक लगा दिया गया है। गंगा के बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए सभी घाटों से नावों के संचालन पर रोक है। वहीं प्रशासन के आदेश की तामील सभी नाविक कर रहे हैं।

दशाश्वमेध घाट पर नाव बैन

वाराणसी के प्रमुख घाट दशाश्वमेध घाट पर नाव पूरी तरीके से बंद है। बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरीके से कमर कस चुका है। बाढ़ चौकियां एलर्ट मोड़ पर है। गंगा के वाटर लेबल पर विशेष निगरानी की जा रही है। एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीम सभी घाटों पर विशेष एहतियात बरत रही है।

गंगा का वर्तमान जल स्तर 65.29 मी. दर्ज

गंगा का वर्तमान जलस्तर 65.29 मीटर रिकॉर्ड किया गया। लगभग 5 सेमी प्रति घंटे की स्पीड से बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर।बीते 3 दिनों की बात करें तो अभी गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

नावों के संचालन पर लगी रोक

जालंधर के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से गंगा में नाव के संचालन पर पूरी तरीके से रोक लगा दिया गया है। वाराणसी के सभी घाटों पर नावों के संचालन पर पूरी तरीके से रोक है। जिला प्रशासन ने एहतियातन यह कदम उठाया है।

गंगा में नौका विहार बंद

बता दें कि संत रविदास घाट से लेकर नमो घाट तक हजारों की संख्या में नाव का संचालन गंगा में होता है। पर्यटक गंगा आरती में शामिल होने के बाद गंगा में नौका विहार करते हैं, लेकिन पिछले 3 दिनों से लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे में नावों के संचालन पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गई है।

 

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