आगरा में 45 साल बाद ताजमहल पहुंची यमुना, यूपी में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा

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उत्तर प्रदेश में अब चारों तरफ से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। एक तरफ जहां अयोध्या में सरयू में नेपाल से पानी छोड़े जाने की वजह से सरयू खतरे का निशान पार चुकी है। वहीं अब आगरा जिले में भी कालिंदी नदी का पानी खतरे के निशान को पार कर अब ताजमहल तक पहुंच गया है। आगरा में यह 45 साल बाद देखा गया है कि यमुना के पानी ने ताजमहल को छू लिया हो। ऐसे में अब प्रदेश के तीन जिलों में सबसे ज्यादा बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

आगरा में मंडराया बाढ़ का खतरा

दिल्ली और मथुरा में यमुना नदी के कोहराम मचाने के बाद अब यमुना का पानी कालिंदी नदी में प्रवेश कर चुका है। इस समय कालिंदी भी पूरे उफान पर है। आगरा जिले में अब कालिंदी नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। जिससे आगरा में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। उधर यमुना भी कहर ढा रही है। बीते महीने तक यमुना ने दिल्लीवासियों को खूब डराया। अब यमुना ने आगरा को भी डुबोने की ठान ली है।

टूटा 45 साल पुराना रिकॉर्ड

आगरा जिले में 45 साल बाद यमुना नदी ने ताजमहल की दीवारों को छुआ है। दशहरा घाट चौतरफा पानी में डूब गया है। वहीं अब बाढ़ का पानी दशहरा घाट से निकलकर ताजमहल परिसर के बाहर तक आ पहुंचा है। ताजमहल की दीवारें बाढ़ के पानी में डूब गई है। इसके साथ ही रामबाग, एत्मादउद्दौला, जौहरी बाग, मेहताब बाग समेत अन्य स्मारकों को छूकर यमुना कल कल करके बह रही है।यमुना के उफान से ताजगंज श्मशान घाट के बाद पोइयाघाट के मोक्षधाम में पानी पहुंच गया है। जिससे अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को परेशानी हो रही है।

यूपी के तीन जिलों में नदिया विकराल

उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्थित कुछ खास अच्छी नही है। धर्मनगरी मथुरा बाढ़ के पानी से लबलबा रही है। जिले के वृंदावन में बस्तियों में घुटनों तक पानी भर चुका है। लोग पानी में आधा डूबकर गुजरने को मजबूर हैं। उधर अयोध्या में कभी भी सरयू का पानी कहर ढा  सकता है। बारिश और अन्य जगहों से छोड़े जा रहे पानी की वजह प्रदेश की नदियों का जलस्तर तीव्रता के साथ बढ़ रहा है। सहारनपुर में बाढ़ का पानी कॉलोनी में उतरने के बाद लोग परेशान, घरों में जमे कीचड़ को खुद ही हटा रहे गांव के लोग, पानी घुसने से लोगों का लाखों रुपये का हुआ नुकसान, जिले में दर्जनों कॉलोनियां बाढ़ से प्रभावित हुई है।

आगरा के लिए 48 घंटे अहम

वहीं अब आगरा जिले के लिए 48 घंटे अहम बताए जा रहे हैं। इस दौरान अगर यमुना का जलस्तर और भी तेजी के साथ बढ़ता है तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। फिलहाल यमुना का जलस्तर 500 फीट तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।

 

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