30 मई को भीमसेनी एकादशी पर करें ये अचूक उपाय, व्रती पर बरसेगी हरि कृपा

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लखनऊ : सभी तिथियों में एकादशी तिथि को सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु से विशेष फल पाने के लिए व्रत किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन श्री हरि के भक्त बिना अन्न और जल ग्रहण किए उपवास रखते हैं।

हिंदू शास्त्रों में निर्जला एकादशी के विषय में विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर उपवास रखने से साधक को सभी 24 एकादशी व्रत का फल प्राप्त हो जाता है। साथ ही जीवन में धन, ऐश्वर्य, सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। निर्जला एकादशी व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है। इसलिए इस व्रत के नियम भी कठिन हैं।

30 मई को रखा जाएगा निर्जला एकादशी व्रत

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 30 मई 2023 को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट से होगी। साथ ही इस तिथि का समापन 31 मई को दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में यह व्रत 31 मई 2023, बुधवार के रखा जाएगा।

निर्जला एकादशी व्रत के नियम

निर्जला एकादशी के दिन व्रती को पानी पीना वर्जित होता है। केवल कुल्ला या आचमन करने के लिए ही पानी मुंह में डाल सकते हैं। इस दिन अशुभ या गैर निर्धारित समय में पानी पीने से व्रत टूट जाता है। ऐसे में व्रत रखने वालों को यह जानना जरूरी हो जाता है कि निर्जला एकादशी व्रत में पानी कब पीना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत में सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्योदय तक जल का त्याग करना चाहिए और अगले दिन सूर्योदय के बाद पूजा करके पारण के समय जल ग्रहण करना चाहिए।

निर्जला एकादशी के अचूक उपाय

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि साधक को निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को एक नारियल व थोड़ा बादाम चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती है।

निर्जला एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और ॐ नमो वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप और 11 बार तुलसी के पौधे की परिक्रमा करें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग का फूल अर्पित करें और भगवान को भोग लगाते समय खीर में तुलसी दल अवश्य डाल दें। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

शास्त्रों में बताया गया है कि पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु वास करते हैं। इसलिए निर्जला एकादशी व्रत के विशेष दिन पर पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।

 

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