कौन हैं हरीश साल्वे जो लड़ रहे गौतम अडानी का केस, एक दिन की फीस जानकर उड़ जायेंगे होश
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से गौतम अडानी जीवन में तहलका मचा हुआ है. इन सबके बीच देश के मशहूर वरिष्ठ वकील और पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने उनका बचाव किया है. उन्होंने अडानी पर रिसर्च प्रकाशित करने वाले हिंडनबर्ग पर भी सवाल उठाए हैं. अब सवाल उठता है कि आखिर कौन है हरीश साल्वे? क्यों हैं इतने फेमस? वकालत की दुनिया में इतना क्यों चलता है इनका नाम? हरीश साल्वे की फीस कितनी है? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको बताएंगे. साथ ही, हरीश साल्वे के जीवन के बारे की जानकारियां भी साझा करेंगे.
दरअसल, बीते गुरूवार को एक निजी चैनल से साक्षात्कार में हरीश साल्वे ने कहा
‘एक समय था जब हम ब्रिटिश उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित कर रहे थे. अब मैं देख रहा हूं कि ब्रिटिश सरकार ब्रिटेन में निवेश के लिए भारतीयों को लुभा रही है. भारत अपनी पुरानी छवि से बाहर आ गया है और दुनिया में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है. ये बदलाव दुनियाभर में हो रहा है. अब इसके ऐसे नतीजे तो सामने आने ही थे.’
हरीश साल्वे ने कहा कि उनको हिंडनबर्ग के आरोप सही नहीं लगते. इसके पीछे की वजह बताते हुए साल्वे ने कहा
‘गौतम अडानी की अधिकांश संपत्ति रेग्युलेट है. अडानी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियां लिस्टेड हैं, उनके सारे रिकॉर्ड पब्लिक डोमेन में हैं. ऐसे में ये कैसे कहा जा सकता है कि आपने गहराई में जाकर कोई रिसर्च किया और उसमें बहुत कुछ गलत निकला.’
साल्वे के मुताबिक, गौतम अडानी पर लगाए गए आरोप भारत और भारतीयों पर एक हमला है. आज कोई भी कंपनी या शेल कंपनी ऐसी नहीं है, जो बैलेंस शीट पर ना दिखे. यानी सबका लेखा-जोखा मौजूद होता है. ऐसे में अगर किसी लिस्टेड कंपनी की अन्य देशों में सहायक कंपनियां हैं तो वे सब दिखाई जाती हैं. अगर आज अडानी किसी लिस्टेड कंपनी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्टॉक को नियंत्रित करते हैं तो इसका खुलासा उन्हें करना ही होगा. इसलिए इसमें कुछ भी छिपा नहीं है.
साल्वे ने कहा
‘इस मामले में एक अहम बात ये भी है कि भारत में बैंक तब तक किसी को लोन नहीं देते, जब तक वे उसकी हर बात की गंभीरता से जांच नहीं कर लेते. जाहिर है बैंकों ने अडानी ग्रुप की भी अच्छे से जांच की होगी.’
साक्षात्कार में हरीश साल्वे ने सुझाव देते हुए कहा
‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को गौतम अडानी से जवाब मांगना चाहिए. 72 घंटों के लिए एजेंसी को अडानी के साथ बैठना चाहिए. इस दौरान उनसे हर एक आरोप पर बात की जाए. इसके बाद सेबी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए. सेबी को निवेशकों से कहना चाहिए कि वे घबराएं नहीं, जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट जल्द आएगी. सेबी बाजारों को नियंत्रित करने और निवेशकों में विश्वास जगाने के लिए है.’
कौन हैं हरीश साल्वे…
भारत के सबसे प्रतिष्ठित और महंगे वकीलों में शुमार हरीश साल्वे की गिनती दुनिया के सफलतम वकीलों में होती है. वर्ष 1999 से लेकर 2002 तक हरीश साल्वे भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी काम कर चुके हैं. इन्हें टेक्सेशन की भी बहुत गहरी नॉलेज है. साल्वे ने भारत में बड़े-बड़े केस लड़कर उनमें जीत हासिल की है. वर्ष 2015 में साल्वे को पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है. ‘लीगली इंडिया डॉट कॉम’ के मुताबिक, वर्ष 2015 में एक सुनवाई के लिए साल्वे 6 से 15 लाख रुपए फीस लेते थे. वर्तमान में इनकी एक दिन की फीस लगभग 30 लाख रुपए है.
कई महत्वपूर्ण मामलों में साल्वे की अहम भूमिका रही है. जिसमें से एक कुलभूषण जाधव का केस हैं. इस केस में पाकिस्तान ने जाधव पर बेबुनियाद आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया था और फांसी की सजा सुनाई थी. इस केस में भारत की तरफ से हरीश साल्वे ने इंटरनेशनल कोर्ट में भारत का पक्ष रखा था. जिसमें भारत की जीत हुई और कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी गई थी. कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान के वकील ने अपनी सरकार से करोड़ों रुपये लिए थे, मगर हरीश साल्वे ने सिर्फ 1 रुपये में कुलभूषण जाधव का केस लड़ा था.
वर्ष 2015 में कोर्ट ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को ‘हिट एंड रन’ मामले में 5 साल की सजा सुनाई थी और सलमान को सीधे आर्थर रोड जेल में ले जाने की तैयारी की जा रही थी. उस समय हरीश साल्वे ने सलमान खान का पक्ष रखते हुए कोर्ट से उन्हें बेल दिलाई थी.
इसके अलावा, साल्वे ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी को भी बहुत बार जेल जाने से बचाया है. इनमें रिलायंस विवाद और वोडाफोन का टेक्स मामला आदि शामिल थे.
हरीश साल्वे का जीवन…
हरीश साल्वे का जन्म 22 जून, 1955 को महाराष्ट्र के नागपुर शहर में एक उच्च वर्गीय परिवार में हुआ था. वर्तमान में इनकी उम्र 68 वर्ष है. ये वकील परिवार से ताल्लुक रखते हैं. इनके पिताजी का नाम एन.के.पी साल्वे है और वो भी एक चार्टर्ड अकॉउंटेंट थे. इनकी एक सीए की फर्म्स भी थी. इनकी माताजी का नाम अंब्रिती साल्वे है जो कि एक डॉक्टर थीं. इनके दादाजी भी एक आपराधिक वकील थे, उन्हीं से इनको वकील बनने की प्रेरणा मिली. नागपुर शहर से ही इन्होंने अपना कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया, जिसके बाद उन्होंने चार्टर्ड अकॉउंटेंट की पढ़ाई शुरू कर दी और इसमें वे सफल रहे. इसके बाद वे टेक्सेशन स्पेशलिस्ट बने.
वर्ष 1980 में इन्होंने कानूनी करियर की शुरुआत की थी. वर्ष 1982 में हरीश साल्वे का विवाह मीनाक्षी साल्वे से हुआ जोकि 38 वर्ष ही चल पाया. इसके बाद इन दोनों का तलाक हो गया. हरीश और मीनाक्षी की दो बेटियां भी हैं, जिनका नाम सानिया साल्वे और साक्षी साल्वे है.
हरीश साल्वे का मूल धर्म हिंदू हैं पर उन्होंने लंदन जाकर ईसाई धर्म अपना लिया है. वर्ष 2020 में उन्होंने लंदन की दोस्त कैरोलिन ब्रासर्ड की साथ दूसरी शादी कर ली थी, उस समय साल्वे की उम्र 65 वर्ष थी. बता दें साल्वे और ब्रासर्ड की ये शादी दूसरी है.
हरीश साल्वे की संपत्ति…
मीडिया के मुताबिक, इनकी संपत्ति को अलग-अलग तरीके से बताया जाता है. लेकिन, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के खिलाफ लड़े गए केस में इसका आंकड़ा सामने आया है, जिसमें इनकी आय बहुत ज्यादा निकली. वर्ष 2011-12 में इनकी आय 35 करोड़ थी और वर्तमान में अनुमान लगाएं तो अब इनकी आय 70-80 करोड़ तक हो सकती है. रिपोर्ट की मानें तो इनकी नेट वर्थ 200 करोड़ के करीब हो सकती है.
हरीश साल्वे की लाइफ स्टाइल और शौक…
हरीश साल्वे बहुत ही महंगा लाइफ स्टाइल में जीना पसंद करते हैं. ये 800 गज की एक कोठी के मालिक हैं. इस कोठी की कीमत 100 करोड़ रूपये है. हरीश साल्वे को पियानो बजाने, किताबें पढ़ने और साथ ही नये गैजेट्स का बहुत शौक है.
मार्केट में कोई भी नया फोन आता है तो ये अपने पुराने फोन को बदल देते हैं. इनके पास कार के भी बहुत कलेक्शन हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में हैं.
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