हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से मचा घमासान, अडानी ग्रुप हुआ परेशान, विस्तार से समझिये सब कुछ

0

एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी इन दिनों मुश्किलों से घिरे हुए हैं. गुरुवार को अडानी की नेटवर्थ में एक बार फिर बड़ी गिरावट आई और वे अरबपतियों की लिस्ट में खिसककर सीधे 16वें नंबर पर पहुंच गए हैं. बीते 24 जनवरी को अडानी ग्रुप को लेकर अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें ग्रुप पर कर्ज को लेकर भी दावे किए गए थे. वहीं, अडानी ग्रुप के फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को लेकर चिंताएं भी जताई जा रही थीं. बीते मंगलवार को एफपीओ पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया था. मगर, बुधवार को अडानी ग्रुप ने अपना एफपीओ ही वापस ले लिया और शाम को इसकी घोषणा भी की गई थी.

 

Hindenburg Research Adani Group Gautam Adani

 

हिंडनबर्ग ने अपनी रिसर्च में अडानी ग्रुप को लेकर बड़े खुलासे करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोपों के मुताबिक, अडानी ग्रुप के शेयर ओवरप्राइसड और उनके खातों में गड़बड़ी भी है. वहीं, इस खुलासे के बाद अडानी ग्रुप के शेयर लगातार गिर रहे है. साथ ही, मार्केट कैप में लगातार गिरावट जारी है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर 20-25 प्रतिशत तक टूटे हैं. अडानी ने रिपोर्ट के बाद 413 पन्नों में अपनी प्रतिक्रिया के साथ जवाब दिया था. जिसका पलटवार हिंडनबर्ग ने किया.

हिंडनबर्ग ने 106 पन्नों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अडानी ग्रुप में कई गंभीर अनियमितताओं के दावे किए गए थे. हिंडनबर्ग के मुताबिक, अडानी ग्रुप ने जितने भी सवालों के जवाब दिए वे बड़े पैमाने पर निष्कर्षों की पुष्टि नहीं करते, सवालों से बचने की कोशिश की गई है. राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से नहीं बचा जा सकता है. अडानी ग्रुप ने अपने जवाब में कहा था कि ये सब भारत, उसके संस्थान और विकास की कहानी पर सोच-समझकर किया गया हमला है.

 

Hindenburg Research Adani Group Gautam Adani

 

अडानी ग्रुप की ओर से दिए गए जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने कहा कि वह मानता है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और एक रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है, पर यह अडानी ग्रुप है जो इसके विकास की गाथा को बाधित कर रहा है. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के इस आरोप को भी खारिज कर दिया है कि उसकी रिपोर्ट भारत पर हमला है. हिंडनबर्ग ने कहा है कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद या उसमें लिपटी प्रतिक्रिया से प्रभावित नहीं किया जा सकता है. अडानी ग्रुप की ओर से दिए गए जवाब में प्रमुख आरोपों की अनदेखी की गई है.

 

Hindenburg Research Adani Group Gautam Adani

 

इससे पहले अडानी ग्रुप ने बीते रविवार को हिंडनबर्ग की ओर से रिपोर्ट में उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा था ‘यह बहुत चिंता की बात है कि बिना किसी विश्वसनीयता या नैतिकता के हजारों मील दूर बैठी एक संस्था हमारे निवेशकों पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.’ अडानी ग्रुप की ओर से ये भी कहा गया कि हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट ऐसे समय पर जारी की है जब देश के सबसे बड़े एफपीओ की घोषणा की गई. अडानी ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट तैयार करने के लिए सही ढंग से रिसर्च नहीं की गई है, ना ही यह रिपोर्ट स्वतंत्र है. हिंडनबर्ग ने गलत सूचनाओं का उपयोग अडानी ग्रुप को बदनाम करने के लिए किया है.

अडानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जालुंधवाला ने कहा ‘कंपनी पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद है. रिसर्च फर्म ने ये रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ के दौरान जारी की है, ताकि कंपनी के शेयरों को नुकसान पहुंचाया जा सके.’ वहीं, अब अडानी ग्रुप ने फैसला किया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च पर केस करेगी. उधर, हिंडनबर्ग ने भी अडानी ग्रुप को चुनौती दे दी है.

 

Hindenburg Research Adani Group Gautam Adani

 

अडानी ग्रुप के सीएफओ जुगशिंदर सिंह ने कहा

‘हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी, 2023 को पब्लिश हुई रिपोर्ट को छापने से पहले ना तो कपनी से संपर्क किया गया ना ही फैक्ट्स को वेरिफाई करने की कोशिश की गई. इस रिपोर्ट में बहुत सारी गलत बातें कही गई हैं, जिनका कोई आधार नहीं है. इस रिपोर्ट में जो आरोप अडानी ग्रुप पर लगाए गए हैं, उन्हें भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया है. यह रिपोर्ट अडानी ग्रुप की छवि को खराब करने की कोशिश है. इस रिपोर्ट के जरिए कंपनी के आने वाले एफपीओ को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.’

Hindenburg Research Adani Group Gautam Adani

 

अडानी ग्रुप पर एक्शन…

1. सबसे पहले तो सिटी ग्रुप ने अडानी सिक्योरिटीज के मार्जिन लोन पर रोक लगाई है. मार्जिन लोन के सिक्योरिटी के रूप में अडानी ग्रुप के बांड को लेना बंद किया गया.

2. रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेडिट सुइस ने अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन और अडानी इलेक्ट्रिसिटी के नोट्स को जीरो लेंडिंग वैल्यू दी है. पहले अडानी पोर्ट्स के बॉन्ड्स की करीब 75 प्रतिशत लेंडिंग वैल्यू दी जाती थी. क्रेडिट सुइस की प्राइवेट बैंकिंग कंपनी ने जीरो लेंडिंग वैल्यू असाइन की है.

3. बुधवार को मार्केट बंद होने के बाद खबर आई कि अडानी ग्रुप अपनी लीडिंग कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ वापस लेने की घोषणा की. कंपनी ने यह भी साफ किया कि वो एफपीओ के निवेशकों को उनके पैसे लौटा देगी. साथ ही कहा गया है कि मार्केट स्थिर होगा तो उसके बाद ग्रुप कैपिटल मार्केट की स्ट्रेटेजी पर फिर से विचार करेगा.

4. अडानी ग्रुप के मार्केट को बड़ा झटका लगा है. गुरूवार को मार्केट कैप में 1 लाख करोड़ का नुकसान अडानी ग्रुप को हुआ है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से पिछले 5-6 दिनों में अदानी ग्रुप के मार्केट कैप को 9 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. रिपोर्ट के पहले यह नुकसान 19.4 लाख करोड़ के आसपास था जोकि लगभग 10.5 लाख करोड़ के करीब आ गया है. कुल मिलाकर देखें तो अडानी ग्रुप का ओवरऑल 9 लाख करोड़ या फिर 40-50 प्रतिशत हिस्सा मार्केट कैप से खत्म हुआ है.

5. बैंकिंग रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को बैंकों से रिपोर्ट मांगी है कि उनके पास अडानी ग्रुप का कितना एक्सपोजर है. मतलब ये कि किस बैंक के पास अडानी ग्रुप का कितना कर्ज है. अडानी ग्रुप पर चल रहे संकट के बीच आरबीआई का यह कदम काफी अहमियत रखता है.

6. गौतम अडानी पिछले हफ्ते की शुरुआत तक दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स थे. फोर्ब्स के रीयल टाइम बिलोनेयर इंडेक्स में वो दूसरे पायदान पर थे, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद से वो 16वें नंबर पर आ चुके हैं.

हिंडनबर्ग की कमाई…

हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी के साथ इंवेस्टमेंट कंपनी भी है. कंपनी की प्रोफाइल के मुताबिक, ये रिसर्च फर्म एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर है. सबसे पहले जानिए कि शॉर्ट सेलिंग क्या होती है? शेयर बाजार में कमाई का हिट फॉर्मूला किसी शेयर को कम रेट में खरीदकर ऊंचे रेट में बेचना माना जाता है. बिजनेस की दुनिया में इसको लॉग पोजिशन कहा जाता है. इस तरीके को निवेशक तब अपनाते है जब मार्केट ऊपर जाने की संभावनाएं होती है. अगर, जब कंपनी के शेयरों के गिरने का अंदेशा होता है तब शॉर्ट पोजिशन अपनाया जाता है. मतलब ये हुआ कि जब निवेशक को लगता है कि आने वाले दिनों में कंपनी के शेयर गिरेंगे और उससे फायदा होगा तब वो शॉर्ट सेलिंग का तरीका अपनाते हैं.

वहीं, शॉर्ट सेलर एक्टिविस्ट निवेशकों को समझाते हैं कि कंपनी ओवरवैल्यूड या कर्ज में डूबी है. जिस कंपनी पर शॉर्ट सेलर फोकस करते हैं तो उसके बारे में कर्ज और ओवर प्राइसिंग या गड़बड़ी की संभावना जताते हैं. हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि कंपनी के शेयर धड़ाम हो जाते हैं, जिससे इन शॉर्ट सेलिंग कंपनियों को मुनाफा है. इसी तरह से हिंडनबर्ग भी कमाई करते हैं. हिंडनबर्ग ने अमेरिका में अडानी कंपनी के बॉन्ड की शॉर्ट पोजिशन ली है और इसके बारे में उन्होंने खुद जानकारी दी है. हिंडनबर्ग ने अडानी के शेयरों की शॉर्ट पोजिशन लेने के बाद ये रिपोर्ट निकाली है.

 

Hindenburg Research Adani Group Gautam Adani

 

हिंडनबर्ग की कहानी…

हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी निवेश कंपनी है, जिसे नाथन एंडरसन नाम के एक कारोबारी ने शुरू किया था. इसकी स्थापना वर्ष 2017 में की गई थी. हालांकि यह कंपनी दावा करती है कि वह फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च में एक्सपर्ट है और इसके पास दशकों का अनुभव है. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, यह कंपनी असामान्य सूत्रों से मिली जानकारियों के आधार पर शोध करती है, जिसे ढूंढना बेहद मुश्किल होता है. इस कंपनी की शुरुआत करने से पहले वह हैरी मार्कोपोलोस के साथ भी काम चुके हैं, जिन्होंने बर्नी मैडॉफ की पोंजी स्कीम का पर्दाफाश किया था. हिंडनबर्ग रिसर्च ने पहले भी कई कंपनियों को लेकर ऐसी रिपोर्ट जारी की हैं. इन रिपोर्ट की वजह से उन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट भी आई थी.

 

Hindenburg Research Adani Group Gautam Adani

 

वर्ष 2020 में करीब 16 रिपोर्ट जारी किए थे. इन रिपोर्ट के कारण कंपनियों के शेयरों में औसत तौर पर 15 प्रतिशत की गिरावट आई थी. वर्ष 2020 में ही इस कंपनी ने अमेरिकी ट्रक निर्माता कंपनी निकोला और सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर में भी अपना स्टेक बेचा था. इससे उन दोनों कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. निकोला एक इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी थी, जिसने निवेशकों को अपने नए व्हीकल्स के बारे में बताते हुए ठगा था, जबकि हकीकत में उसके पास गाड़ियां थीं ही नहीं.

वर्ष 2016 से लेकर अब तक हिंडनबर्ग रिसर्च ऐसी दर्जनों रिपोर्ट जारी कर चुका है, जिसमें उसने किसी न किसी तरह का खुलासा किया है, जिससे कई कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूटे हैं. इसके अलावा, यह रिसर्च फर्म विंस फाइनेंस, SCWORX, जीनियस ब्रांड, आइडियानोमिक, जीनियस ब्रांड्स, एससी व्रॉक्स, एचएफ फूड, ब्लूम एनर्जी, एफ़्रिया, दंगा ब्लॉकचेन और ट्विटर इंक जैसी कंपनियों के खिलाफ भी रिसर्च रिपोर्ट जारी कर चुकी है.

 

Hindenburg Research Adani Group Gautam Adani

 

हिंडनबर्ग रिसर्च नाम की वजह…

हिंडनबर्ग कंपनी के नाम के पीछे भी एक खास वजह है. दरअसल, इसका नाम हिंडनबर्ग रिसर्च एक खास मकसद से रखा गया था. कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, यह एक डिजास्टर यानी त्रासदी पर आधारित है. कंपनी का मानना है कि उस डिजास्टर को टाला जा सकता है. 6 मई, 1937 को लगभग 100 लोगों को लेकर जा रहा हिंडनबर्ग एयरलाइंस का विमान अमेरिका से न्यू जर्सी के मैनचेस्टर में हादसे का शिकार हुआ था. इसमें करीब 37 लोगों की मौत हुई थी.

 

Hindenburg Research Adani Group Gautam Adani

 

इसके तहत हाइड्रोजन गैस (ज्वनलशील गैस) से भरे एयरशिप में करीब 100 लोगों को बैठाया गया था. इससे पहले भी ऐसे दर्जनों हादसे हो चुके थे.

 

Also Read: टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हुए अडानी और अंबानी, अब इतनी रह गई संपत्ति

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More