मॉस्को में सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार सम्मानित
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए चर्चित संस्थान सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सोमवार को मास्को में सम्मानित किया गया। सोवियत रूस में सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली ‘ओवरसीज बिहार एसोसिएशन’ ने आनंद के शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए उन्हें मास्को में आयोजित एक समारोह में संगठन की 70वीं सालगिरह के मौके पर सम्मानित किया।
विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं बिहार के लोग
आनंद ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “बिहार के लोग विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। किसी भी बिहारी में कर्म और संकल्पशक्ति दोनों होता है। अगर मजबूत इरादा कर ले तो बिहारी हर कार्य को सफलतापूर्वक कर सकता है।”
बिहारी छात्रों को मौका मिले तो कुछ भी कर सकते हैं
मास्को के वेगास हॉल में आयोजित एक सम्मान समारोह में आनंद ने प्रवासी बिहारियों से अपील करते हुए कहा, “प्रवासी बिहारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे बिहारी प्रतिभा को निखारने के लिए जमीन तैयार करें। बिहारी छात्रों को अगर मौका मिले तो वे नई ऊंचाइयों को छूएंगे।”
Also read : ‘मोदी से मुकाबला करने की किसी में हिम्मत नहीं’
सुपर 30 से शिक्षा में क्रांति ला रहे हैं आनंद कुमार
बिहार की राजधानी पटना में सुपर 30 के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए सतत प्रयत्नशील गणितज्ञ आनंद कुमार की इस संस्थान के लोगों ने काफी तारीफ की। इस मौके पर एसोसिएशन के वक्ताओं ने कहा, “आनंद कुमार बिहार में सुपर 30 के माध्यम से एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं।
हर साल 30 गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाते हैं
प्रत्येक साल 30 गरीब समाज के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाना, उनके खाने व रहने की व्यवस्था करना और उन्हें इस घनघोर बजारवाद के दौर में बिना शुल्क लिए आईआईटी में प्रवेश दिलाना कोई साधारण कार्य नहीं है।” एसोसिएशन के लोगों ने आनंद की तारीफ में कहा कि आनंद न केवल बच्चों का भविष्य गढ़ रहे हैं, बल्कि देश और दुनिया में एक नायाब और बेमिसाल उदाहरण भी पेश कर रहे हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)