कपड़ा बैंक में गरीबों को मिलता है मुफ्त में कपड़ा
आजकल लोगों के पास अपने फायदे के अलावा किसी दूसरे के बारे में सोचने की फुर्सत नहीं है। लोग पूरे दिन मशीन की तरह से काम करते हैं वो भी सिर्फ अपने परिवार वालों के लिए। इसके आगे कोई बी किसी के बारे में सोचना नहीं चाहता है। दुनिया इतनी तेजी से आगे बढ़ रही है कि लोह पीछे छूट रहे लोगों को देखने की जहमत तक नहीं करते हैं। इस भीड़ भरी दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें हम और आप जैसे लोगों की सख्त जरुरत होती है लेकिन उन गरीब असहाय लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
इलाहाबाद में खुला है कपड़ा बैंक
लेकिन इतनी तेजी से भाग रही दुनिया और समाज में अब भी कुछ ऐसे लोग हैं जो इन गरीबों के मसीहा बने हुए हैं। इलाहाबाद में कुछ ऐसे लोगों ने मिलकर एक कपड़ा बैंक खोला है जहां पर गरीबों को मुफ्त में कपड़ा दिया जाता है। जिसके बदले में कोई भी पैसा या किसी तरह का शुल्क नहीं वसूला जाता है। इस बैंक को करीब दो साल पहले खोला गया था।
15 हजार से ज्यादा लोगों को बांट चुका है कपड़ा
अब तक करीब इस बैंक से 15 हजार लोगों को कपड़े मुहैया कराए जा चुके हैं। साल ही सर्दियों के मौसम में कंबल और जैकेट भी काफी मात्रा में बांटे जा चुके हैं। इस बैंक से जुड़ने वाले लोगों में डॉक्टर, पत्रकार, और प्रोफेसर जैसे लोग शामिल हैं। इस बैंक से अब तक करीब 40 लोग जुड़ चुके हैं और गरीबों के लिए काम कर रहे हैं।
Also Read : सदन में मिले विस्फोटक की जांच करेगी NIA : योगी
सरकार से नहीं लेते कोई मदद
लोगों से नए व पुराने कपड़े इकट्ठे कर उसे गरीबों में बांटना ही बैंक का मकसद है। न सिर्फ शहर की मलिन बस्तियों बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में भी बैंक गरीबों को कपड़े बांटता है। बीते दो सालों में बैंक द्वारा 15,775 लोगों को कपड़े बांटे जा चुके हैं। बैंक के हर सदस्य की अलग-अलग जिम्मेदारी है, पर इसके एवज में उन्हें कोई वेतन नहीं मिलता, बल्कि वे खुद की बचत का इस्तेमाल भी बैंक में करते हैं।
बैंक अपने कार्यक्रमों में क्षेत्रीय अधिकारियों को शामिल करता है। संगठन में शामिल सदस्य किसी तरह की सरकारी मदद से परहेज करते हैं। इलाहाबाद से शुरू हुआ बैंक का कामकाज अब कौशांबी, प्रतापगढ़, वाराणसी, नोएडा, कानपुर, लखनऊ व मिर्जापुर तक जा पहुंचा है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)