पुलिस गनर पाने के लिए कथित तौर पर खुद पर हमला करवाने और गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो चुके लखनऊ के हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया पश्चिम बंगाल के कोलकाता में छिपा पाया गया।
लखनऊ के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सोमेन बरमा ने बताया, “कोलकाता से सुरेंद्र कालिया को रिमांड पर लेने के लिए एक टीम भेजी गई है। कालिया के सिर पर 50,000 रुपये का नकद इनाम रखा गया है। वह जबरन वसूली का रैकेट भी चलाता है और रेलवे का कॉन्ट्रैक्ट भी लेता है।”
कालिया को 31 अगस्त को जादवपुर थाना क्षेत्र के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था।
मामला दर्ज-
कोलकाता पुलिस ने लॉकडाउन लागू करने के लिए अभियान चलाने के दौरान कालिया पर धावा बोला। कोलकाता के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वह सुरेंद्र कुमार की झूठी पहचान के साथ होटल में रह रहा था।
कोलकाता पुलिस ने सुरेंद्र के कब्जे से एक 9 एमएम की पिस्तौल बरामद की और उस पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया।
खुद पर कराया हमला-
कालिया के खिलाफ 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसने कथित रूप से आलमबाग इलाके के एक अस्पताल के पास 14 जुलाई को खुद पर हमला कराया था जिसमें उसके निजी गनर रामरूप यादव को चोटें आई थीं।
कालिया ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि जेल में बंद माफिया डॉन से राजनेता बने धनंजय सिंह के इशारे पर उसकी जान लेने का प्रयास किया गया।
लखनऊ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन बैलिस्टिक रिपोर्ट ने कालिया के झूठ का पदार्फाश कर दिया कि उसकी गाड़ी पर दो हथियारों से 13 राउंड गोलियां चलाई गई थीं, लेकिन मौके से सिर्फ एक गोली का खोखा मिला।
कई मामलों में कालिया का नाम-
कालिया माफिया डॉन अभय सिंह का सहयोगी है। उसके सहयोगी आशीष पांडेय की मार्च 2016 में लखनऊ में नरेंद्र पहाड़ी के गुर्गों द्वारा एक रेलवे कॉन्ट्रैक्ट के मुद्दे को लेकर गोलीबारी में मौत हो गई थी।
लखनऊ के चारबाग और हुसैनगंज में इसी तरह की गोलीबारी में कालिया का भी नाम दर्ज है।
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