महेंद्र सिंह धोनी को ‘धोनी’ बनाने का श्रेय सौरव गांगुली को जाता है। कहते हैं कि माही की खोज दादा ने की। रांची का इस लड़के ने जब इंटरनेशनल मैच में कदम रखा तो बुरी तरह फ्लॉप रहा। अपने पहले मैच में धोनी 0 रन बनाकर आउट हुए थे।
बांग्लादेश के खिलाफ 2004 में अपनी पहली सीरीज में धोनी बुरी तरह फ्लॉप रहे। शुरुआती चार मैच में बल्ले से सिर्फ 22 रन ही निकले। मगर वह निराश नहीं हुए। उनके साथ कप्तान सौरव गांगुली ने विश्वास था। धोनी के लिए गांगुली ने अपनी पोजिशन पर दांव पर लगा दी।
धोनी को लेकर गांगुली ने लिए बड़ा रिस्क-
2004 में जब धोनी टीम में आए तो उन्होंने शुरुआती 2 मैचों में नंबर 7 पर बल्लेबाजी की। पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच के लिए जब टीम की घोषणा हुई तब भी धोनी के लिए 7वां नंबर ही तय था।
एक इंटरव्यू के दौरान गांगुली ने बताया कि उन्होंने अपने रिस्क पर धोनी को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा था। गांगुली को अपने इस फैसले पर अब गर्व होता होगा, क्योंकि धोनी ने उन्हें निराश नहीं किया था।
पाकिस्तान के खिलाफ उस मैच में धोनी ने शानदार 148 रन बनाए थे। इसमें 15 चौके और 4 छक्के शामिल थे। उस मैच को भारत 58 रनों से जीता था और धोनी को मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
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