जानिये, कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को लेकर WHO ने क्या दी है चेतावनी?
कोरोना से ठीक हुए लोगों को इम्युनिटी पासपोर्ट देना सही कदम नहीं
वाशिंगटन : WHO ने कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को लेकर पूरे विश्व को चेताया है कि ठीक होने का मतलब यह नहीं कि सभी पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। दुनियाभर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब कोरोना पीड़ित ठीक होने के बाद फिर से संक्रमित हो गए हैं। मजे की बात यह कि अर्थव्यवस्था को फिर से दुरुस्त करने के लिए कई देशों में इम्युनिटी पासपोर्ट और जोखिम मुक्त सर्टिफिकेट के आधार पर लॉकडाउन में ढील देने के बारे में विचार किया जा रहा है।
दूसरी ओर स्वीडन में पाबंदियों को सख्ती से नहीं लेने का एक वैज्ञानिक आधार सामने आया है। इस देश में खुद वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग ज़्यादा पाबंदियों में रह रहे हैं उनकी तुलना में कम पाबंदियों में रहने वाले लोगों का इम्युनिटी लेवल ज्यादा बेहतर होगा।
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दुनिया की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान
ज्ञात हो कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस कदम को पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताकर चेताया है।
WHO ने बताया कि दुनियाभर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब कोरोना पीड़ित ठीक होने के बाद फिर से संक्रमित हो गए हैं।
वायरस दोबारा अटैक नहीं करेगा इसकी गारंटी नहीं
स्वास्थ्य संगठन WHO ने कहा, ‘इस प्रकार की योजनाएं दुनियाभर में कोरोना के खतरे को बढ़ाएंगी। साथ ही अपने इम्यून को लेकर लोग एहतियात बरतना बंद कर देंगे।’ कुछ सरकारें ऐसे लोगों के काम पर लौटने की अनुमति देने पर विचार कर चुकी हैं।
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WHO का कहना है कि अभी तक इस बात के साक्ष्य नहीं मिले हैं कि जिन लोगों में संक्रमण से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी विकसित हो गया है, उन पर ये वायरस दोबारा अटैक नहीं करेगा।
WHO ने बताया कि अधिकांश मामलों में कोरोना संक्रमित मरीजों को दोबारा इस रोग ने नहीं घेरा है। इन लोगों के खून में एंटीबॉडी मौजूद है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनमें एंटीबॉडी का लेवल काफी कम पाया गया है और ये वायरस उन्हीं लोगों पर दोबारा अटैक कर रहा है।
इम्युनिटी पासपोर्ट देना जोखिम भरा
WHO ने चेताया कि ऐसे में सभी देशों की सरकारों को खतरा टलने से पहले गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर ऐसे नियम बनाने से बचना चाहिए। जिन लोगों के अंदर इसकी एंटीबॉडी विकसित हो गई है, उन्हें इम्युनिटी पासपोर्ट के तहत पाबंदियों से रियायत देना जोखिम भरा होगा।
पिछले सप्ताह चिली की सरकार ने दुनिया में तेजी से फैलती इस महामारी के बीच फैसला लेते हुए कहा है कि जो लोग संक्रमण के बाद ठीक हो गए हैं उन्हें ‘हेल्थ पासपोर्ट’ जारी करेगी। अधिकारियों का कहना था कि जिन लोगों के शरीर में वायरस का एंटीबॉडी पाया जाएगा वो काम पर लौट सकते हैं।
देखा जाये तक इसे लेकर तमाम भ्रांतियां भी हैं। एक बात तो साफ है कि सभी सरकारें गिरती अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाने को बेताब हैं और यही सबसे बड़ा जोखिम भी है।
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