केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मंदिरों समेत कई तीर्थ स्थलों को दर्शनार्थ पूर्ण रूप से बंद रखने का निर्णय किया है। आज से चैत्र का नवरात्र Navratri शुरू हो चुका है। देश के विभिन्न हिस्सों में लोग घरों पर ही रहकर पूजा—पाठ कर रहे हैं। यह हाल सभी राज्यों का है।
मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ती थी
वाराणसी जिले में नवरात्र Navratri के प्रथम दिन माता शैलपुत्री के दर्शन के लिए हर साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लोगों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन की एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई थी जिसमें महंत के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से 20 मार्च से मां शैलपुत्री मंदिर के कपाट अनिश्चित काल के लिए बंद किए गए थे। आज चैत्र नवरात्र Navratri की प्रथम दिन मंदिर के कपाट खोले गए और माता शैलपुत्री के श्रृंगार पूजन के बाद पट को बंद कर दिया गया।
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मां जगदंबा भक्तों पर आशीष बरसाएंगी
सभी मंदिरों के पुजारियों व मठों के महंतों ने दिये हैं विशेष दिशा निर्देश। उनका कहना है कि घर में ही रहकर करें शक्ति आराधना, पूरी होगी
मनोकामनाएं। चैत्र नवरात्र Navratri में मां जगदंबा भक्तों पर आशीष बरसाएंगी। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन होने से पहली बार भक्तों को माता के दर्शन नहीं होंगे। ऐसे में नौ दिनों तक मां के मंदिरों में भक्तों को प्रवेश नहीं मिल सकेगा। संक्रमण को रोकने के लिए पहले से ही शहर के कई मंदिरों में भक्तों के प्रवेश को बंद कर दिया गया है। काशी के धर्माचार्यों ने आम श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह श्रद्धापूर्वक घर पर ही रहकर मां की आराधना करें।
माता की कपूर से करें आरती, पूरी होगी कामना
नवरात्र Navratri में नौ दिनों तक माता की आराधना व पूजा करने से माता का आशीर्वाद बना रहता है। देवी भागवत के अनुसार प्रथम दिन मां शैलपुत्री के दर्शन का विधान है। धर्माचार्यों ने बताया कि नवरात्रि के प्रथम दिन तीन साल की कन्या की पूजा अर्चना कर उसे संतुष्ट कर विदा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सुबह स्नान कर पवित्र होकर कलश स्थापना कर मां की पूजा करें। हो सके तो दुर्गासप्तशती का पाठ कर मां की कपूर से भव्य आरती करें।
दो अप्रैल रामनवमी तक चलेगा यह पर्व
नववर्ष के प्रथम दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होने वाला वासंतिक नवरात्रि इस बार 25 मार्च को प्रारंभ हो रहा है जो दो अप्रैल रामनवमी तक चलेगा। नवरात्रि व्रत पारन तीन अप्रैल को किया जाएगा। नवरात्रि इस बार नौ दिनों का होगा। मां पराम्बा का आगमन इस बार नौका पर और गमन हाथी पर हो रहा है, दोनों का फल शुभ है।
ये हैं मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की तिथि
- 25 मार्च, प्रतिपदा- बैठकी या नवरात्रि का पहला दिन- घट/ कलश स्थापना- शैलपुत्री
- 26 मार्च, द्वितीया- नवरात्रि 2 दिन तृतीय- ब्रह्मचारिणी पूजा
- 27 मार्च, तृतीया- नवरात्रि का तीसरा दिन- चंद्रघंटा पूजा
- 28 मार्च, चतुर्थी- नवरात्रि का चौथा दिन- कुष्मांडा पूजा
- 29 मार्च, पंचमी- नवरात्रि का 5वां दिन- सरस्वती पूजा, स्कंदमाता पूजा
- 30 मार्च, षष्ठी- नवरात्रि का छठा दिन- कात्यायनी पूजा
- 31 मार्च, सप्तमी- नवरात्रि का सातवां दिन- कालरात्रि, सरस्वती पूजा
- 1 अप्रैल, अष्टमी- नवरात्रि का आठवां दिन-महागौरी, दुर्गा अष्टमी ,नवमी पूजन
- 2 अप्रैल, नवमी- नवरात्रि का नौवां दिन- नवमी हवन, नवरात्रि पारण
महानिशा पूजा
शास्त्र अनुसार महानिशा पूजा सप्तमी युक्त अष्टमी या मध्य रात्रि में निशीथ व्यापिनी अष्टमी में होनी चाहिए, जो 31 मार्च-1 अप्रैल की रात मिलेगी। महानिशा पूजन इसी दिन किया जाएगा। महाअष्टमी व्रत एक अप्रैल को किया जाएगा। चैत्र शुक्ल नवमी दो अप्रैल को मध्याह्न में व्याप्त होने से उसी तिथि को श्रीरामनवमी मनाई जाएगी।
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