नवाबों के शहर में ‘सुबह-ए-बनारस’
कचौड़ी जलेबी वैसे तो बनारस की मशहूर है और उसी तर्ज पर लखनऊ वालों को भी बनारसी स्वाद चखाने की कोशिश की गयी है
वो कहते हैं और सुबह का नाश्ता कायदे का मिल जाय तो पूरा दिन अच्छा गुजरता है। इसी तलाश में आज जर्नलिस्ट कैफे की टीम जा पहुंची है गोमती नगर स्थित बाटी चोखा रेस्टोरेंट (Baati Chokha Restaurant) में। वैसे तो यहां पर लोग भोजन करने के लिए जाते हैं पर इधर कुछ दिनों से इस रेस्टोरेंट में सुबह का नाश्ता कचौड़ी-जलेबी ‘सुबह-ए-बनारस’ भी उपलब्ध करायी जा रही है। कचौड़ी जलेबी वैसे तो बनारस की मशहूर है और उसी तर्ज पर लखनऊ वालों को भी बनारसी स्वाद चखाने की कोशिश की गयी है।
कचौड़ी तो बेहतरीन है-
कमल के पत्ते से बने पत्तल, कुल्हड़ और कसोरा पर पूरे देसी अंदाज में जब गरमा गरम फूली हुई कचौड़ी सामने आयी तो सच मानिये मुंह में पानी आ गया। साथ में आलू, बैंगन, पालक और आलू गोभी की सब्जी थी। इमली की मीठी चटनी बनारसी खाने के अंदाज बयां करती दिखी। कचौड़ी में उड़द की पीठी की स्टफिंग की गयी थी। बात आलू ,बैंगन की सब्जी की करें तो सोआ (एक तरह का साग) का गमक इस सब्जी का स्वाद बढ़ा दे रहा था। वहीं आलू गाेभी की सब्जी में मसाला थोड़ा अधिक लगा। जो लोग स्पाइसी खाने के शौकीन हैं उन्हें यह सब्जी पसंद आयेगी। इमली की चटनी कचौड़ी सब्जी के स्वाद में तड़का लगा रही थी। देसी घी में छनी चार कचौड़ी आपके लिए भरपूर नाश्ता साबित होगी।
जलेबी दही का जवाब नहीं-
बात यहीं खत्म नहीं होती है। देशी घी में छन रही गरमा गरम केसरिया जलेबी और मलाईदार लाल दही भी हमारा ही इंंतजार कर रही थी। इन्हें पेट के अंंदर डालने के बाद जाकर मामला पूरी तरह से फिट हुआ। स्वाद बेहतरीन था। खास यह है कचौड़ी जलेबी का यह पूरा प्रिपरेशन बाहर ही हो रहा था।
रखा गया साफ सफाई का पूरा ध्यान-
अगर मुझे बाटी चोखा रेस्टाेरेंट के सुबह के नाश्ते काेे रेट करने के लिए कहा जाय तो मैं इसे दस में सात नंबर दूंंगा। सब्जी के मसाले ने थोडा नंबर काट दिया है। अगर आप स्वाद के शाैकीन हैं तो यहां की कचौड़ी जलेबी ट्राई कर सकते हैं।
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