60 हजार खातों पर IT की नजर

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नोटबंदी के दौरान भारी भरकम नकदी जमा करने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।दरअसल आयकर विभाग ने ऐसे 60,000 लोगों की पहचान की है, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान भारी  मात्रा में पांच सौ और हजार के पुराने नोट जमा किए और दावा किया कि यह रकम उन्हें कैश सेल से मिली। इसके अलावा 6,000 से अधिक ऐसे लोगों की पहचान भी की गई है, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान महंगी प्रॉपटी खरीदी है।

विदेश पैसा भेजने वालों पर भी नजर

इसके अलावा विदेश पैसा भेजने वाले 6,600 मामलों पर भी विभाग की नजर है। खास बात यह है कि विभाग ने नोटबंदी के बाद 9,334 करोड़ रुपये अघोषित आय पकड़ी है।

नोटबंदी के दौरान भारी मात्रा में जमा हुआ कैश

वित्त मंत्रालय ने कहा कि विभाग की नजर अब उन कारोबारियों पर है, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान भारी भरकम पुराने नोट जमा किए थे और जब इस बारे में पूछा गया तो दावा किया कि यह नकदी उन्हें कैश सेल्स के जरिये मिली।

कारोबारी भी इनकम टैक्स के रडार पर

हालांकि इससे पहले उन्होंने कैश में इतनी सेल कभी नहीं दिखाई थी। साथ ही नोटबंदी के दौरान पांच सौ और हजार रुपये के पुराने नोट जमा करने वाले सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी भी विभाग के निशाने पर हैं। इसके अलावा खोखा कंपनियों के माध्यम से काला धन सफेद करने वाले बड़ी-बड़ी खरीददारी करने वाले भी शामिल हैं।

31 जनवरी से “ऑपरेशन क्लीन मनी” जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट बंद करने का एलान किया था। वित्त मंत्रालय का कहना है कि नोटबंदी का प्रमुख उद्देश्य काले धन पर रोक लगाना भी था। यही वजह है कि विभाग ने नोटबंदी के दौरान नौ नवंबर से 30 दिसंबर तक जमा हुए काले धन को पकड़ने के लिए 31 जनवरी, 2017 को “ऑपरेशन क्लीन मनी” शुरू किया था।

पहले चरण में 17.92 लाख खातों की जांच

इसके पहले चरण में विभाग ने 17.92 लाख लोगों का पता लगाया था, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान जो नकदी जमा की थी, वह उनके प्रोफाइल से मेल नहीं खाती थी। विभाग ने इन सभी लोगों को ऑनलाइन नोटिस भेजे। इनमें से 9.46 लाख लोगों ने जवाब देकर उनके खाते में जमा किए गए कैश के बारे में जानकारी दी।

35,000 लोगों से ऑनलाइन पूछताछ हुई

इसके अलावा 35,000 मामलों में ऑनलाइन पूछताछ भी की गई। 7,800 मामलों में ऑनलाइन वेरीफिकेशन किया गया। जिन लोगों ने नोटबंदी में जमा की गई नकदी का स्रोत बताते हुए संतोषजनक जवाब दिए, उनके मामले बंद कर दिए गए। साथ ही जिन लोगों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी राशि का खुलासा किया है, उनके मामले भी बंद बंद कर दिए जाएंगे।

9,334 करोड़ रुपये का कैश और प्रापर्टी जब्त

विभाग के अनुसार 9 नवंबर से 28 फरवरी के दौरान सर्च, छापेमारी और सर्वे की 2,362 कार्रवाइयां हुईं। इस कार्रवाई में 818 करोड़ से अधिक राशि की कीमती वस्तुएं और 622 करोड़ रुपये नकदी भी शामिल है। कुल मिलाकर विभाग ने 9,334 करोड़ रुपये अघोषित आय पकड़ी है।

400 मामले CBI और ED हवाले

इसके अलावा 400 मामले सीबीआई और ईडी को भेजे हैं। विभाग ने कहा कि नोटबंदी का असर यह है कि वित्त वर्ष 2016-17 में आयकर रिटर्न में 21.7 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं आयकर संग्रह में भी इस अवधि में 16 प्रतिशत की सकल वृद्धि हुई है। यह बीते पांच साल में सर्वाधिक है।

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