जानें कैसे, मध्य प्रदेश में पौधों से रचेगा इतिहास?
मध्य प्रदेश में नर्मदा(Narmada) नदी के बेसिन में छह करोड़ से ज्यादा पौधे रोपकर इतिहास रचने का अभियान रविवार को चल रहा है। इस अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ अमरकंटक में पौधा रोपकर की। यह अभियान नर्मदा नदी को प्रवाहमान बनाने के लिए चलाया जा रहा है।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में आज (रविवार) एक दिन में एक साथ छह करोड़ 67 लाख 50 हजार पौधे रोपे जाने का अभियान चल रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने अमरकंटक में पौधे के रोपण के साथ इस अभियान की शुरुआत की।
चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी किसी ग्लेशियर से नहीं निकली, वह पेड़ों से रिसने वाले पानी से प्रवाहमान होती है, इसीलिए पौधों का रोपण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान रविवार को कुल चार स्थानों पर पौधे रोपेंगे। अमरकंटक के बाद दोपहर 12 बजे जबलपुर के लम्हेटाघाट में वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके पश्चात दोपहर 1.30 बजे मुख्यमंत्री सीहोर जिले के छीपानेर में वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल होंगे। अपराह्न तीन बजे खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में वृक्षारोपण करेंगे।
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पौधा रोपण के लिए नर्मदा कछार के 24 जिलों को चिह्नांकित किया गया है। लगभग दो दर्जन से ज्यादा किस्म के पौधे लगाए जा रहे हैं, इनमें फलदार और छायादार किस्मों में आम, आंवला, नीम, पीपल, बरगद, महुआ, जामुन, खमेर, शीशम, कदम, बेल, अर्जुन, बबूल, बांस, इमली, गूलर, खेर तथा कृषि वानिकी के अमरूद, संतरा, नींबू, कटहल, सीताफल, अनार, अचार, चीकू, बेर, मुनगा आदि के पौधों का रोपण कर गिनीज विश्व रिकार्ड बनाया जाएगा।
एक-दिवसीय पौध-रोपण के छह करोड़ पौधों में से तीन करोड़ पौधे वन विभाग द्वारा तथा शेष तीन करोड़ पौधों की अन्य विभाग जैसे ग्रामीण विकास, कृषि, उद्यानिकी, जन-अभियान परिषद, नगरीय प्रशासन, स्कूल शिक्षा विभाग आदि द्वारा व्यवस्था की गई है।
वानिकी प्रजाति के आवश्यक पौधों की व्यवस्था वन विभाग एवं निजी रोपणियों से की गई है। फलदार प्रजाति के पौधों की व्यवस्था प्रदेश की शासकीय, निजी रोपणियों एवं आवश्यकतानुसार अन्य राज्यों से की गई है।
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