लोकसभा की कार्यवाही में बाधा डालने वाले 45 सदस्य निलंबित
लोकसभा की कार्यवाही में व्यवधान डालने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दो दिन में 45 सदस्यों को निलंबित कर दिया है। ये सदस्य तेलगू देशम पार्टी और अन्नाद्रमुक के हैं और पिछले कई दिनों से लगातार लोकसभा में नारेबाजी कर सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाल रहे थे।
सदन की पांच बैठकों के लिए किया गया निलंबित
महाजन ने बुधवार को अन्नाद्रमुक के 24 सदस्यों को सदन की पांच बैठकों के लिए निलंबित किया था। इसके एक दिन बाद बृहस्पतिवार को उन्होंने अन्नाद्रमुक, तेलगू देशम पार्टी और वाइएसआर कांग्रेस के असंबद्ध सदस्य सहित कुल 21 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। स्पीकर ने हंगामा करने वाले इन सदस्यों के खिलाफ यह कार्रवाई लोकसभा की कार्यवाही से संबंधित नियम 374ए के तहत की है।
संसद का यह सत्र आठ जनवरी को संपन्न हो रहा है। लोकसभा में अन्नाद्रमुक के 37 और टीडीपी के 15 सदस्य हैं। हाल के वर्षो में यह पहली बार है जब इतनी तादाद में सदस्यों को निलंबित किया गया है। गौरतलब है कि फरवरी 2014 में आंध्र प्रदेश के 18 सदस्यों को निलंबित किया गया था। उस वक्त जिन सदस्यों को निलंबित किया गया था वे या तो तेलंगाना के गठन का समर्थन कर रहे थे या विरोध।
आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग पर हंगामा
लोकसभा का मौजूदा शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर को शुरु हुआ, लेकिन अन्नाद्रमुक सदस्यों के कावेरी नदी पर बन रहे बांध के विरोध तथा टीडीपी के सदस्यों की आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग पर हंगामे के चलते अधिकांश समय व्यवधान की भेंट चढ़ गया।
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लोकसभा अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को 19 सदस्यों को शून्यकाल के समय निलंबित किया, जबकि दो सदस्यों को दोपहर दो बजे सदन से बाहर जाने को कहा। बृहस्पतिवार को भी जैसे ही सदन की कार्यवाही शून्यकाल के लिए शुरु हुई, अन्नाद्रमुक और टीडीपी के सदस्य सभापति के आसन के समीप आकर, हाथों में तख्तियां लिये, नारेबाजी करने लगे। अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कई बार अध्यक्ष के आसन की ओर कागज उछाले। शोर-शराबे के बीच संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विरोध जता रहे सदस्यों से वापस उनके स्थान पर लौटने की अपील भी की।
लोक सभा अध्यक्ष ने पहले सदस्यों को दी चेतावनी…
हालांकि, दोनों दलों के सदस्य प्रदर्शन करते रहे। मामला शांत न होते देख लोक सभा अध्यक्ष ने पहले तो सदस्यों को चेतावनी दी और कहा कि अगर वे सदन में शांति बनाए नहीं तोमर रखते हैं तो वह उनके खिलाफ कार्रवाई करने को मजबूर होंगी, लेकिन जब सदस्य शांत नहीं हुए तो उन्होंने टीडीपी के 11, अन्नाद्रमुक के सात और वाइएसआर कांग्रेस के असंबद्ध एक सदस्य को अगली चार बैठकों के लिए निलंबित करने का आदेश दिया। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया उसमें पूर्व नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू भी शामिल हैं।
स्पीकर ने सदस्यों से कहा कि आप जान बूझकर सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाल रहे हैं। इसलिए वह उन्हें निलंबित करने को मजबूर हैं। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी। इस तरह शून्यकाल के दौरान महज 15 मिनट सदन की कार्यवाही चल सकी। इससे पूर्व सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही टीडीपी और अन्नाद्रमुक सदस्यों ने हंगामा किया, जिसके बाद लोक सभा की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित करनी पड़ी। साभार
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