यह व्यक्ति है 45-एचआईवी पॉजिटिव बच्चों का पिता
अपने परिजनों द्वारा त्याग दिए गए 45 एचआईवी पॉजिटिव बच्चों को “शेल्टर ट्रस्ट” में एक घर मिला है। यह “शेल्टर ट्रस्ट” चलने वाले सोलोमन राज को यहां के बच्चे “अप्पा” (पिता) कहकर पुकारते हैं।
सोलोमन राज का कहना है कि अच्छा काम उन्हें बहुत संतुष्टि देता है, खासकर जब ये बच्चे उन्हें ”अप्पा’ कहते हैं। आश्रय गृह में, जरूरतमंदों को शिक्षा, चिकित्सा देखभाल, शिल्प में प्रशिक्षण, कला, नृत्य और कंप्यूटर के कामकाजी ज्ञान आदि से लेकर हर सुविधा प्रदान की जाती है।
उनमें से कई ग्यारहवीं और बारहवीं की परीक्षा पास कर चुकें हैं तो कईयों ने स्नातक की पढ़ाई भी की है।
सोलोमन ने बताया कि वह एचआईवी पॉजिटिव बच्चों की मदद करने के लिए उस वक्त प्रेरित हुए थे जब उनकी शादी के 8 साल हो गए थे और उनकी कोई औलाद नहीं थी। उस समय वह एचआईवी पॉजिटिव बच्चे को गोद लेना चाहते थे जिसे ज़रूरत हो।
सोलोमन ने कहा, ‘जब हम एक बच्चे को गोद लेने की योजना बना रहे थे, तो हमारे पास हमार खुद का बच्चा था और फिर हमने जरूरतमंद बच्चे को गोद लेने की बात को कुछ समय के लिए टाल दिया गया। हालांकि, इसने मुझे हमेशा यह महसूस कराया कि मैंने एक एचआईवी पॉजिटिव बच्चा नहीं अपनाया है जिसे मैं हमेशा से चाहता था। इसलिए मैंने पहले एचआईवी पॉजिटिव बच्चे को अपनाया और यह सिलसिला आज भी जारी है।’
आगे उन्होंने कहा, ‘अब मैं 45 एचआईवी पॉजिटिव बच्चों का पिता हूं और जब वे मुझे “अप्पा” कहते हैं तो इससे मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है। कई वित्तीय समस्याएं हैं क्योंकि उनके स्वास्थ्य, शिक्षा आदि पर खर्च होते हैं। इन बच्चों के स्वास्थ्य के मुद्दे हैं और स्थिति कभी भी गंभीर हो जाती है।
ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक एचआईवी पॉजिटिव लड़की का कहना है कि वह डॉक्टर बनना चाहती है और दूसरों की मदद करना चाहती है।
उसने बताया, ‘मैं 2016 में यहां आई थी। मैं एक डॉक्टर बनना चाहती हूं और अन्य बच्चों की मदद करना चाहती हूं। एचआईवी पॉजिटिव बच्चे किसी भी तरह से सामान्य बच्चों से कम नहीं हैं।’
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