ऑनलाइन गेमिंग पर बढ़ सकता है 28 फीसदी टैक्स? आज होगी बैठक

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक की वर्चुअली अध्यक्षता करेंगी. जीएसटी कमेटी टैक्स प्रोविजंस में क्लैरिटी लाने के लिए एक दर्जन से ज्यादा बदलावों पर विचार कर सकती है. आज की मीटिंग मे सबसे बड़ा मुद्दा ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी लगाने को लेकर हो सकता है. जिस पर काफी समय से बातचीत तो रही है, लेकिन कोई फैसला अभी तक नहीं हुआ. आपको बता दें कि मौजूदा समय में इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है, जिसे 28 फीसदी करने का सुझाव है.

ऑनलाइन गेमिंग होगा बड़ा मुद्दा…

इनके अलावा भी जीएसटी काउंसिल कई मुद्दे को सुलझाने का प्रयास कर सकती है. मसलन, जीएसटी कानून के तहत किए गए गैर-कानूनी कामों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना, एक अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित करना, पान मसाला और गुटखा व्यापार में टैक्स धोखाधड़ी से निपटने के लिए प्रणाली आदि चर्चा का विषय हो सकते हैं. साथ ही ऑनलाइन गेमिंग और कसिनो पर टैक्स को लेकर चर्चा हो सकती है. नवंबर में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में मंत्रियों का समूह (जीओएम) इन पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लगाने पर सहमत हो गया था.

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अभी लगता है 18 फीसदी टैक्स…

ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग पर 28 फीसदी टैक्स की सहमति बनने के बावजूद पिछली बार कुछ मतभेदों के कारण इस पर फैसला नहीं लिया गया था. दरअसल, तब इस बात पर सहमति नहीं बन पाई थी कि टैक्स किस पर लगाया जाए, केवल पोर्टल द्वारा ली जा रही फीस पर या उस बैट के अमाउंट पर भी जो प्रतिभागी ने लगाए हैं. फिलहाल ऑनलाइन गेमिंग पर 18 फीसदी जीएसटी लगती है. अभी केवल प्लेटफॉर्म द्वारा ली जा रही फीस पर ही टैक्स लगता है.

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जीएसटी संबंधी अपराध…

अपराधों के डिक्रिमिनलाइजेशन के संबंध में, जीएसटी काउंसिल की कानून समिति, जिसमें केंद्र और राज्यों के टैक्स ऑफिसर्स शामिल हैं, ने काउंसिल को जीएसटी अपराधों के लिए अभियोजन शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है. कानून समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि व्यापार को बेहतर बनाने के लिए टैक्सपेयर्स द्वारा जीएसटी अपराधों के कंपाउंडिंग के लिए देय शुल्क को वर्तमान में 150 फीसदी तक टैक्स राशि का 25 फीसदी तक कम किया जाना चाहिए. इसने वर्तमान में 5 करोड़ रुपये से अभियोजन शुरू करने की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है. कर अधिकारियों द्वारा अभियोजन शुरू करने का मतलब अपराधी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करना है.

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