हुआ ट्रायल, निर्भया के आरोपियों को जल्द हो सकती है फांसी!

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तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को दिन पूरे होने को हैं। अब किसी भी दिन उन्‍हें फांसी पर लटकाया जा सकता है। हालांकि इस बाबत जेल प्रशासन के पास कोई लिखित निर्देश नहीं आया है पर जेल की तैयांरियां इसी ओर इशारा कर रही हैं।

जी हां तिहाड़ जेल में फांसी को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेल में फांसी का ट्रायल किया गया।

जिसके तहत अधिकतम भार वाले कैदी के डमी को फांसी दी गयी।

यह कवायद इसलिए की गयी कि कहीं असली फांसी के समय रस्‍सी कमजोर न साबित हो और टूट जाये।

डमी में भरा था रेत-

ट्रायल में इस्‍तेमाल हुए डमी में तकरीबन 100 किलो रेत भरा गया था।

बताते चलें कि किसी भी फांसी के पहले जेल प्रशासन इस तरह की कवायद करता है।

जिसमें फांसी में इस्‍तेमाल होने वाली रस्‍सी की मजबूती की जांच की जाती है।

संसद पर हमले के दोषी अफजल को फांसी देने के पहले भी यह प्रक्रिया अपनायी गयी थी।

ट्रायल के दौरान रस्‍सी टूट गयी थी।

उसे देखते हुए जेल प्रशासन अपनी ओर से किसी भी तरह की चूक नहीं होने देना चाहता है।

पवन को मंडोली से लाया गया तिहाड़-

निर्भया के चार दोषियों में से एक पवन को मंडोली की जेल नंबर-14 से तिहाड़ की जेल नंबर-2 में शिफ्ट कर दिया गया है।

इसी जेल में निर्भया के चार दोषियों में से दो अक्षय और मुकेश भी बंद हैं।

जबकि विनय शर्मा जेल नंबर-4 में कैद है।

खास यह कि कि रोहिणी, मंडोली और तिहाड़ में से तिहाड़ की जेल नंबर-3 में ही फांसी का तख्ता है। जहां इन चारों को फांसी दीजा सकती है।

बक्‍सर से बनता है फांसी का फंदा-

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक तिहाड़ जेल में फांसी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बक्‍सर जेल से फांसी के लिए रस्‍सी मंगायी गयी है।

बताते चलें कि बक्सर के सेंट्रल जेल में फांसी के लिए इस्‍तेमाल होने वाली मनिला रस्‍सी का निर्माण होता है।

इस जेल में अंग्रेजी शासनकाल में बनी मशीन है।

इसी मशीन की मदद से फांसी का फंदा बनाने वालों की टीम 20 फीट मनिला रस्सी बनाती है।

इसी से कैदियों को फांसी दी जाती है।

एक मनिला रस्सी को 172 धागे मशीन में पिरोकर घिसाई के बाद तैयार किया जाता है।

सबसे बेहतर धागा के लिए जे-34 रूई का इस्तेमाल किया जाता है।

कुल आठ लच्छी को रात में गंगा नदी के किनारे से आने वाली नमी और ओस से मुलायम किया जाता है।

कुल तीन रस्सी को एक साथ मशीन में घुमाकर मोटी रस्सी बनती है।

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