मोदी सरकार का बिग एक्शन : घाटी में 10 हजार अतिरिक्त जवान तैनात
आतंकवाद विरोधी अभियानों को मजबूत करने के लिए और सुरक्षा के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की 10,000 टुकड़ियों को जम्मू और कश्मीर भेजने का फैसला किया गया है। कुछ जवान वहां पहुंचाए भी जा चुके हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने का अभियान मजबूत होगा। साथ ही राज्य में कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने में मदद मिलेगी।
सैनिकों को भेजने का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की दो दिवसीय कश्मीर यात्रा से लौटने के बाद हुआ है।
महबूबा मुफ्ती ने किया विरोध-
वहीं केंद्र के इस फैसले का राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विरोध किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘घाटी में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा कर रहा है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जाएगा। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करना होगा।’
Centre’s decision to deploy additional 10,000 troops to the valley has created fear psychosis amongst people. There is no dearth of security forces in Kashmir. J&K is a political problem which won’t be solved by military means. GOI needs to rethink & overhaul its policy.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 27, 2019
पहले हो चुकी थी अतिरिक्त बल की मांग-
जम्मू और कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि वे पहले ही उत्तरी कश्मीर में तैनाती के लिए इन सैनिकों की मांग कर चुके हैं।
दिलबाग सिंह ने कहा, ‘उत्तरी कश्मीर में कम सैनिक हैं और इसीलिए हमें अतिरिक्त बलों की आवश्यकता है। 100 कंपनियों को एयरलिफ्ट किया गया है।’ एक कंपनी में लगभग 100 सैनिक होते हैं।
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