झारखंड के भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जिंदगी भाई की मौत से बदल गयी

0

झारखंड चुनाव परिणाम 2019 के शुरुआती रुझान आने शुरू हो गए हैं। दुमका और बरहेट दो सीटों से चुनाव लड़ने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोनों सीटों पर आगे चल रहे हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में भी वह दो सीटों पर चुनाव लड़े थे। बरहेट से उन्हें जीत मिली थी जबकि दुमका से वह चुनाव हार गए थे। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार हेमलाल मूर्मू को 23 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।

हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं

हेमंत सोरेन झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उससे पहले वो अर्जुन मुंडा मंत्रिमंडल में उप-मुख्यमंत्री थे। उन्हें राजनीति विरासत में मिली थी। उनके पिता शिबू सोरेन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री थे, जिन्हें झारखंड में गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है।

इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई

10 अगस्त, 1975 को जन्मे हेमंत सोरेन की इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई बिहार की राजधानी पटना से हुई है। उसके बाद उन्होंने रांची के बीआइटी मेसरा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था, लेकिन वह अपना कोर्स पूरा नहीं कर सके थे।
भाई की मौत ने बदल दी थी सीएम पद के दावेदार हेमंत सोरेन की जिंदगी
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन विपक्ष के गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे। राज्य के सबसे कम उम्र के सीएम रह चुके सोरेन कैसे राज्य की राजनीति के केंद्र में आ पहुंचे, यह कहानी भी अनोखी रही।

10 अगस्त, 1975 को पैदा हुए

मगढ़ जिले के नेमरा गांव में शिबू सोरेन और रूपी के घर 10 अगस्त, 1975 को पैदा हुए हेमंत सोरेन ने 2005 और 2009 के विधानसभा चुनाव में अपना नामांकन दाखिल करते वक्त बताया था कि उन्होंने इंटर तक पढ़ाई की है। जब सोरेन 2013 में सीएम बने थे तो उनकी पत्नी कल्पना का उत्साह देखते बन रहा था जब वह पति के जीवन के ऐतिहासिक पल को कैमरे में कैद कर रही थीं और आज भी नजरें उन पर और उनके दोनों बेटों पर टिकी हैं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More