सात देशों से गुजरते हुए यह ट्रेन तय करेगी 7500 मील की दूरी

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ब्रिटेन औऱ चीन के बीच चलने वाली पहली मालगाड़ी 10 अप्रैल को ब्रिटेन के एसेक्स से रवाना होगी। यह मालगाड़ी 7500 मील की दूरी तय करते हुए 17 दिन के सफर के बाद चीन के झेजियांग शहर के बीच य़ीवु शहर पहुंचेगी। इस मालगाड़ी में तीस डिब्बे हैं जिनमें व्हिस्की, सॉफ्ट ड्रिंक, दवाइयां और विटामिन जायेगा।

बता दें कि यह मालगाड़ी फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, पोलैंड, बेलारुस, रूस और कजाखस्‍तान से होकर गुजरेगी। यह सेवा चीन के प्राचीन सिल्‍क रूट को फिर से पुनर्जीवित करने का प्रयास है। इसकी शुरुआत के रूप में तीन महीने पहले चीन से ब्रिटेन मालगाड़ी गई थी। चीन से गई मालगाड़ी में घरेलू जरुरतों को सामान, कपड़े, सूटकेस और बैग्‍स थे।

अभी ब्रिटेन औऱ चीन के बीच अगर समुद्री रास्‍ते से सामान भेजा जाता है तो इस मालगाड़ी की तुलना में दोगुना समय लगता है। लंदन यूरोप का 15वां शहर है जिससे चीन का रेलमार्ग से संपर्क हुआ है। बता दें कि 2000 साल पहले सिल्‍क रूट के जरिए पश्चिम और पूर्व के बीच कारोबार होता था। यूरोप और चीन के बीच साल 2016 में 40 हजार कंटेनर सामान का आयात और निर्यात हुआ था।

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2020 तक इसे एक लाख कंटेनर करने का लक्ष्‍य रखा गया है। यूरोप के कई देशों को चीन रेलमार्ग से साल 2011 से ही सामान भेज रहा है। लेकिन इंग्‍लिश चैनल को उसने इसी साल पार करना शुरू किया है। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने चीन से निवेश के लिए कदम उठाए थे।

इसके तहत चीन से कारोबार के लिए लंदन को मुख्‍य अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रस्‍ताव है। वर्तमान पीएम थेरेसा ने भी कहा है कि चीन के साथ उनके देश के रिश्‍ते सुनहरे रहेंगे। इससे ब्रिटेन में चीन के निवेश के रूप में लाखों डॉलर आएंगे।

यूरोपियन यूनियन से बाहर होने के फैसले के बाद ब्रिटेन को अपनी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए इस तरह के निवेश की जरुरत भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की यह रेललाइन दुनिया की सबसे बड़ी लाइन है, जो सात देशों की अर्थव्यवस्था को आपस में जोड़ने का काम करेगी।

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