पनामा पेपर्स : कई भारतीयों समेत दुनिया के दिग्गज नेता कठघरे में
नई दिल्ली। खोजी पत्रकारों के अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईसीआईजे) और दुनिया भर के सौ से भी अधिक अन्य समाचार संस्थानों ने विश्व के कई अत्यंत प्रमुख लोगों की बाहरी देशों में संदिग्ध आर्थिक गतिविधियों का खुलासा किया है।
इस सूची में 500 से अधिक भारतीय हैं। इनमें अभिनेता अमिताभ बच्चन भी शामिल हैं। खोजबीन करने वाली ‘पनामा पेपर्स’ नाम की यह रिपोर्ट रविवार को प्रकाशित हुई है। पत्रकारों के संघ ने कहा है कि पनामा पेपर्स आकार के मामले में अंदरूनी जानकारी के इतिहास का संभवत: सबसे बड़ा खुलासा है।
इसमें एक करोड़ पंद्रह लाख से अधिक दस्तावेज हैं। इसके सर्वाधिक विस्फोटक खुलासों में से एक साबित होने की संभावना है। भारत में एक अंग्रेजी अखबार ने कई पृष्ठों की खोजी रिपोर्ट प्रकाशित की है।
इसमें अन्य नामों के अलावा आरोप लगाया गया है कि बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन पनामा की कंपनियों में निदेशक हैं। इनसे संपर्क करने के बावजूद इन दोनों से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। ऐश्वर्या के मीडिया सलाहकार ने अखबार को बताया कि यह सूचना गलत है।
वर्ष 2004 में भारत ने कंपनियों को और बाद में लोगों को व्यक्तिगत रूप से भी उदारीकृत विप्रेषित धन योजना (लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम) के जरिये विदेश में निवेश करने की इजाजत दे दी थी।
विदेश में निवेश करने वालों में इंडिया बुल्स के समीर गहलौत की बहमास, जर्सी और ग्रेट ब्रिटेन में संपत्ति है। डीएलएफ के के. पी. सिंह की कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन द्वीपों पर पंजीकृत हैं।
उद्योगपति गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी और पश्चिम बंगाल के नेता शिशिर बाजोरिया, लोकसत्ता पार्टी के अनुराग केजरीवाल पर भी आरोप है कि इन लोगों ने काला धन को रखने के लिए चर्चित देशों में कंपनियां खोल रखी हैं।
अखबार ने कहा है कि उसने आठ महीने तक दुनिया के कई अखबारों के साथ मिलकर इसकी छानबीन की। काफी लोगों के नाम अखबार की रिपोर्ट में हैं। इनमें से कुछ ने इससे इनकार किया है जबकि अन्य का कहना है कि उन्होंने देश के कानून के दायरे में रहकर काम किया है।
आईसीआईजे की रिपोर्ट के अनुसार, इस लीक में दुनिया के 12 वर्तमान एवं पूर्व नेताओं (जिनमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं) के नाम हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगियों ने किस तरह से बैंकों एवं छद्म कंपनियों के जरिये गोपनीय ढंग से दो अरब डॉलर की हेराफेरी कर ली।
रूस में सरकारी मीडिया संगठनों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने विदेश में कोई संपत्ति नहीं छुपा रखी है।
सूचना मंत्री परवेज राशिद ने कहा कि नवाज शरीफ के दोनों बेटों की विदेश में संपत्तियां और कंपनियां है और वे ब्रिटेन के कानून के अनुसार कर देते हैं।
नवाज शरीफ के बेटे हुसैन ने देश के सबसे बड़े निजी प्रसारक जियो चैनल से कहा है कि उनके परिवार ने कुछ भी गलत नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि वे सभी अपार्टमेंट हमारे हैं और जो विदेश में कंपनियां हैं वे भी हमारी हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यह सब कुछ ब्रिटेन के कानूनों के तहत है।
लेकिन, विपक्ष के नेता इमरान खान नवाज शरीफ पर कार्रवाई चाहते हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हमारे इस मत की फिर पुष्टि हुई है क्योंकि शरीफ के विदेश में धन छुपाने का खुलासा हुआ है।
इसमें दुनिया के और 128 राजनेताओं और नौकरशाहों के गुप्त वित्तीय लेनदेन का ब्यौरा भी है। इसमें यह भी बताया गया है कि किस तरह से दुनिया की कानूनी कंपनियां और बड़े बैंक जालसाजों और ड्रग्स की तस्करी करने वालों के साथ-साथ अरबपतियों, नामचीन हस्तियों और बड़े खिलाड़ियों की वित्तीय गोपनीयता को बनाए रखते हैं।
इसमें आइसलैंड और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के नियंत्रण वाली विदेशी कंपनियों, सऊदी अरब के शाह और अजरबैजान के राष्ट्रपति के बेटों की कंपनियों का भी खुलासा किया गया है।
इसमें हिजबुल्ला जैसे आतंकी संगठन, मैक्सिको के ड्रग्स तस्करों या उत्तर कोरिया और ईरान जैसे देशों के साथ व्यापार करने की वजह से अमेरिकी सरकार की काली सूची में डाले गए कम से कम 33 लोगों और कंपनियों के भी नाम हैं। इसके आंकड़े पिछली सदी के सातवें दशक के उत्तरार्ध से लेकर वर्ष 2015 तक के हैं।