अजित पवार से चुनाव हारने वाले युगेंद्र पवार कराएंगे EVM की जांच, EC को दिए 9 लाख रुपये
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद महा विकास आघाड़ी ने ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किए थे. वहीं अब उम्मीदवारों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) में लगे माइक्रोकंट्रोलर के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग में आवेदन किया है. पुणे जिले के 21 विधानसभा क्षेत्रों में से 11 उम्मीदवारों ने इन मशीनों के माइक्रोकंट्रोलर की दोबारा जांच करने की अपील की है.
युगेंद्र पवार ने दिए 9 लाख रुपये
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के बारामती से उम्मीदवार युगेंद्र पवार ने 19 EVM के माइक्रोकंट्रोलर का सत्यापन कराने के लिए 8.96 लाख का भुगतान किया है. इसके अलावा, राकांपा के हडपसर से उम्मीदवार प्रशांत जगताप और कांग्रेस के रमेश बागवे, जो पुणे कैंट से उम्मीदवार हैं, भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बने हैं.
ईवीएम सत्यापन के लिए आवेदन करने की आखिरी तिथि 30 नवंबर थी, जो चुनाव परिणामों के सात दिनों के भीतर थी. कुल मिलाकर, उम्मीदवारों ने 137 EVM के माइक्रोकंट्रोलर के सत्यापन की मांग की है और इसके लिए चुनाव आयोग को 66.64 लाख की राशि का भुगतान किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत, जो उम्मीदवार अपने निर्वाचन क्षेत्र में दूसरे या तीसरे स्थान पर रहते हैं, वे इस्तेमाल की गई EVM के 5% माइक्रोकंट्रोलर की जांच की अपील कर सकते हैं.
सत्यापन की लागत आवेदक को देनी होती है
इस प्रक्रिया के लिए, उम्मीदवारों को लिखित आवेदन देना होता है और सत्यापन की लागत भी उन्हें ही वहन करना होती है. जिला चुनाव अधिकारियों ने सत्यापन अनुरोधों की जानकारी राज्य चुनाव आयोग को भेज दी है. माइक्रोकंट्रोलर की जांच कड़ी निगरानी में की जाएगी, जिसमें उम्मीदवारों और वीवीपीएटी निर्माण कंपनियों के इंजीनियरों की उपस्थिति भी सुनिश्चित होगी.
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प्रशांत जगताप ने हडपसर विधानसभा क्षेत्र में 27 EVM के सत्यापन के लिए 12 लाख का भुगतान किया है. चिंचवड़ से राहुल कलाटे ने 25 EVM के सत्यापन के लिए 11 लाख अदा किए हैं, और कांग्रेस के संजय जगताप ने पुरंदर क्षेत्र से 21 EVM के सत्यापन के लिए 9.9 लाख का खर्च उठाया है.