यूपी में योगी से भी नहीं डरते बेखौफ बदमाश!
उत्तरप्रदेश की सत्ता में तमाम बड़े वादों के दम पर आई बीजेपी सरकार कानून व्यवस्था के मोर्चे पर फेल साबित हो रही है। बीजेपी ने चुनाव में यूपी की बिगड़ी कानून व्यवस्था को ही चुनावी मुद्दा बनाया था। हर चुनावी मंच से बीजेपी नेता पिछली सरकार पर खराब व्यवस्था को लेकर हमला बोलते थे। लेकिन योगी सरकार को 100 दिन पूरे हो गए हैं। लेकिन आज भी यूपी को की जनता को अपराध मुक्त प्रदेश की आस है। आज भी अपराधी बेखौफ हैं तो पुलिस वाले ही सुरक्षित नहीं है।
यूपी की जनता ने बहुत आस से बीजेपी को यूपी सत्ता सौंपी थी। जनता का सोचना था कि शायद बीजेपी आएगी तो यूपी में गुंडे और अपराधी जेल के अंदर होंगे। लेकिन योगी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में यूपी की जनता को हाथ सिर्फ निराशा लगी है। विधान सभा चुनाव में बीजेपी का नारा था बहुत अपराध मुक्त और भय मुक्त उत्तर प्रदेश। लेकिन आज सरकार कानून व्यवस्था पर मोर्चे पर बिफल रही है।
सीएम योगी ने सत्ता संभालते ही जिस अंदाज में गुंडों को यूपी छोड़ने के लिए कहा था। वो अंदाज बस बयानों तक ही सीमित रह गया। सीएम का तेवर ना तो अपराधियों पर काम कर रहा है। और ना ही पुलिसवालों पर, सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल में कई ऐसे वारदात हुए जो सीएम योगी के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
यूपी में अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। आए दिन सड़कों पर लूटपाट, छेड़छाड़ और हत्याएं कर रहे हैं। लेकिन पुलिस उनपर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल है। यही नहीं बीजेपी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में आम जनता को तो छोड़िए पुलिस वाले भी सुरक्षित नहीं है। कई पुलिसवालों की हत्या और पिटाई करने का मामला सामने आ चुका है।
आखिर कैसे योगी सरकार 100 दिन के कार्यकाल में फेल साबित हो रही है।
आकड़े देखिए,
- लखनऊ में रेप पीड़िता पर एसिड अटैक
- मथुरा में सर्राफा व्यापारियों की लूट के बाद हत्या
- जेवर- बुलंदशहर हाइवे पर गैंगरेप
- सहारनपुर में दो वर्गों में संघर्ष
- बिजनौर में दारोगा की हत्या
- रायबरेली में 5 लोगों की हत्या
- गोंडा में दबंगों ने महिला को जिंदा जलाया
- मऊ में भोजपुरी गायिका का गला काटा
- इलाहाबाद में रेप और मर्डर
- सीतापुर में ट्रिपल मर्डर
- लखनऊ में दो बहनों की हत्या
- बरेली रेप का विरोध करने पर जिंदा जलाया
ये तो कुछ वारदात हैं जो सरकार की पोल खोल रही है। अब जरा सरकार की ओर से जारी क्राइम ग्राफ आपको बताते हैं। ये आकड़ा 2015, 2016 और 2017 का है।
ये वो आकड़े हैं जो सीएम योगी के उन बयानों की धज्जियां उड़ रहे हैं। जिसमें यूपी में बेहतर कानून व्यवस्था के साथ अपराधियों को यूपी छोड़ने की नसीहत देते हैं। कानून व्यवस्था पर सरकार की विफलता सीएम योगी की साख पर बट्टा लगाने का काम कर रही है।