योगी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 38 केस को यूपी की योगी सरकार वापस लेने का फैसला लिया है। योगी सरकार मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 38 केस वापस लेने का फैसला किया है। इसके तहत 100 से ज्यादा आरोपियों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे।
स्पेशल सेक्रेटरी जेपी सिंह और अंडर सेक्रेटरी अरुण कुमार राय द्वारा तैयार पत्र पिछले हफ्ते ही मुजफ्फरनगर जिला मजिस्ट्रेट को भेजा जा चुका है। दंगों के साथ इनमें डकैती, आगजनी, धार्मिक स्थल को अशुद्ध करने और धार्मिक भावनाओं आहत करने के मामले शामिल हैं।
कोर्ट को भेजी गई रिपोर्ट में राज्यपाल की अनुमति का जिक्र है। ये मुकदमों को वापस लेने की संस्तुति रिपोर्ट 29 जनवरी को मुज़फ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को भेजी गई है।
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इसमें कहा गया है कि सरकार ने 2013 में छह पुलिस थानों पर दर्ज 119 मामलों की वापसी को लेकर सुझाव मांगा था। उपलब्ध दस्तावेजों के सावधानी से अध्ययन के बाद जिला न्यायालय के समक्ष मामलों की वापसी के निवेदन के बाद यह निर्णय लिया गया है।
दरअसल पिछले साल लखनऊ में बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर हिन्दुओं पर दर्ज मामलों की वापसी की बात कही थी. बालियान का आरोप है कि तत्कालीन सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने प्रभावशाली और अमीर लोगों को क्लीनचिट दे दी और गरीब लोगों को फंसा दिया।
उन्होंने कहा कि हिंदू होना अपराध नहीं है, मैं उनके लिए हमेशा लडूंगा और मैं मुख्यमंत्री का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। उधर केस वापसी के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार आने पर जिनके खिलाफ भी मुकदमा वापस लिया गया है, सभी के खिलाफ फिर से मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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