योगी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार कल, ये हैं संभावित मंत्री
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित प्रथम विस्तार बुधवार को होगा। राजभवन के आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए राजभवन में पूर्वान्ह्र 11 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा।
कैबिनेट मंत्री बनने वाले संभावित नाम-
महेंद्र सिंह, भूपेंद्र चौधरी धर्म सिंह सैनी, अनिल राजभर और विद्या सागर सोनकर कैबिनेट में जाएंगे। सुरेश राणा का प्रमोशन होगा। जय प्रकाश निषाद और गिरीश यादव स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनेंगे। धन्नी सिंह भी स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनेंगे।
इसके अलावा कपिल अग्रवाल, अनिल शर्मा, सुनील दत्त द्विवेदी, विजय बहादुर पाठक, अशोक कटारिया सम्भावित राज्यमत्रियों में उदयभान सिंह संभावित मंत्रियों में शामिल है।
योगी मंत्रिमंडल का पहला विस्तार-
प्रदेश के कई मंत्रियों के हाल में हुए लोकसभा चुनाव में जीतने और मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बर्खास्त होने के बाद राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने की अटकलें पिछले कई दिनों से लगाई जा रही थी।
यह योगी मंत्रिमंडल का पहला विस्तार होगा। योगी ने मार्च 2017 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मंत्रिमंडल विस्तार के तहत कुल कितने मंत्री शपथ लेंगे।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। अच्छा काम करने वाले मंत्रियों को प्रोन्नति मिल सकती है। वहीं, खराब प्रदर्शन वाले कुछ मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी भी हो सकती है
कई पद हुए हैं खाली-
प्रदेश मंत्रिमंडल में इस वक्त मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्रियों, 18 अन्य कैबिनेट मंत्रियों, स्वतंत्र प्रभार के नौ राज्य मंत्रियों और 13 राज्य मंत्रियों समेत कुल 43 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में अभी 18 और मंत्रियों की गुंजाइश है।
प्रदेश सरकार के तीन मंत्री एसपी सिंह बघेल आगरा लोकसभा सीट, रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद सीट और सत्यदेव पचौरी कानपुर सीट से सांसद चुने जा चुके हैं लिहाजा उनके पद खाली हो गए हैं।
वहीं भाजपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद मंत्रिमंडल में एक जगह और बन गई है।
इसके अलावा परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनके स्थान पर भी किसी और मंत्री को चुना जाना है। भाजपा की ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की नीति की वजह से ऐसा होना लगभग निश्चित है।
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