‘दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ’ की तैयारी में योगी सरकार

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उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2019 की शुरुआत में होने वाले 49-दिवसीय कुंभ मेले के लिए ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। कुंभ मेले को दुनिया का अब तक का सबसे भव्य धार्मिक जमावड़ा बनाने के लिए सरकार की योजना 2,000 करोड़ रुपये खर्च करने की है।

‘दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ’

यूपी के इलाहाबाद में अगले साल होने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक जमावड़े के लिए प्रदेश की योगी सरकार का विजन है, ‘दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ’। इस विजन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जारी किया। मिली जानकारी के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मेले की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा, ‘मेले का आयोजन हमारी सरकार की साख का सवाल है। इसलिए हम किसी तरह के वित्तीय संकट को इसके रास्ते में नहीं आने देंगे।’

महाकुंभ हर 12 साल में एक बार होता है

इलाहाबाद में महाकुंभ हर 12 साल में एक बार होता है जबकि कुंभ हर छठे साल नदियों के किनारे बसे 4 शहरों- हरिद्वार, इलाहाबाद, नासिक और उज्जैन में बारी-बारी से होता है। यूपी सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक, कुंभ का आयोजन अगले साल 14 जनवरी से 4 मार्च तक होगा। यूपी सरकार के ब्लूप्रिंट के 5 मुख्य भाग हैं।

पहला

योगी सरकार ने 49 दिनों तक चलने वाले इस मेले के लिए पहले ही 2,000 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान कर दिया है, जो अखिलेश सरकार के दौरान साल 2013 में हुए महाकुंभ की तुलना में लगभग दोगुना है।

दूसरा

इस बार कुंभ मेले के लिए निर्धारित एरिया को 25 पर्सेंट बढ़ाकर 2500 हेक्टेयर कर दिया है। इसलिए इस बार कुंभ मेले में 14 की जगह 20 सेक्टर होंगे।

तीसरा

6 साल पहले हुए महाकुंभ में 3500 धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने कैंप लगाए थे। इस बार पहले ही 5000 धार्मिक और सामाजिक संगठन कैंप लगाने के आवेदन दे चुके हैं।

चौथा

यूपी सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक, ‘कुंभ के दौरान 6 पवित्र स्नानों में से एक मौनी अमावस्या के दिन 3 करोड़ श्रद्धालुओं के इलाहाबाद में आने की उम्मीद है। मौनी अमावस्या 4 फरवरी, 2019 को है।’

पांचवां

कुंभ के दौरान इलाहाबाद में 10 लाख विदेशी श्रद्धालुओं के भी आने की उम्मीद है। राज्य सरकार सभी विदेशी राजदूतों को भी कुंभ में आने का न्योता देगी।

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कुंभ में इस बार 20 लाख एनआरआई के भी आने की संभावना है। यहां तक कि यूपी सरकार वाराणसी में 24 जनवरी को होने वाले 15वें प्रवासी भारतीय दिवस के बाद वहां से 5,000 एनआरआई को सीधे इलाहाबाद ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलाएगी। अगले महीने तक यूपी सरकार कुंभ मेले को ध्यान में रखकर एक अलग वेबसाइट, मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया पर पेज लॉन्च करेगी। कुंभ का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार करने के लिए वह एक पब्लिक रिलेशंस (पीआर) फर्म को भी हायर कर सकती है। विदेश मंत्रालय भी कुंभ के प्रचार के लिए विदेश में रोड शो का आयोजन करेगा।

वॉटर ट्रांसपोर्ट का भी हो सकता है प्रयोग

यूपी सरकार कुंभ मेले के दौरान दो नए प्रयोग भी कर रही है। इनमें पहला वॉटर ट्रांसपोर्ट का है। इसके तहत 5 घाटों को चुना जाएगा, जहां से श्रद्धालुओं को पानी के रास्ते एक घाट से दूसरे घाट पर ले जाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी इनलैंड अथॉरटी ऑफ इंडिया (आईडब्लूएआई) को सौंपी गई है। दूसरा प्रयोग टिहरी और नरोरा बांध के अधिकारियों के साथ यूपी सरकार का हुआ समझौता है, जिसके तहत कुंभ मेले के दौरान गंगा नदी में पर्याप्त पानी छोड़ा जाएगा। इससे संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं के स्नान करने के लिए पानी की कमी नहीं होगी।

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