बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज गिरफ्तार

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 बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज को आखिरकार पुलिस ने ठीक 31 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज घटना वाले दिन से ही फरार था। योगेश की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी। योगेश पर हिंसा भड़काने का आरोप है।

योगेश राज को देर रात बुलंदशहर की बीबीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। योगेश खुर्जा से बुलंदशहर आते समय ब्रह्मानन्द कॉलेज के पास से पकड़ा गया। इससे पहले योगेश राज की गिरफ्तारी में हो रही देरी को पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में प्रशांत नट और कलुआ को गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोपी नंबर एक योगेश राज था।

बुलंदशहर हिंसा मामले में हो चुकी हैं 31 गिरफ्तारियां

योगेश के अलावा बीजेवाईएम का पूर्व स्याना नगर अध्यक्ष शिखर अग्रवाल भी मामले में आरोपी है, जिसे कोर्ट से 30 दिन की सुरक्षा मिली हुई है। पुलिस का कहना है कि प्रटेक्शन पूरी होते ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दोनों ने हिंसा के बाद विडियो के जरिए खुद को बेगुनाह बताया था। उनकी विडियो क्लिप काफी सर्क्युलेट हुई थी। बताया जा रहा है एसएसपी दोपहर तक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुलासा कर सकते हैं। पुलिस अब तक बुलंदशहर हिंसा के 31 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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बता दें कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर हिंसा भड़की थी, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत 2 लोगों की मौत हो गई थी। योगेश राज पहले एक प्राइवेट नौकरी करता था। 2016 में योगेश बजरंग दल का जिला संयोजक बना। उसके बाद नौकरी छोड़कर पूरी तरह संगठन के लिए काम करने लगा। योगेश राज के घर की दीवार पर अखंड भारत का नक्शा भी है। इसमें जिक्र है कि भारत कब-कब बंटा है।

कई धाराओं में मामला दर्ज

योगेश राज ने हिंसक भीड़ की अगुआई की थी। यह स्याना के नयाबांस गांव का रहने वाला है और पहले भी कई विवादों में इसका नाम आ चुका है। पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 333, 353, 427, 436, 394 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस एफआईआर के अनुसार योगेश राज अपने साथियों के साथ मिलकर भीड़ को भड़का रहा था।

इससे पहले पुलिस योगेश की शिकायत पर ही सात गोकशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। योगेश राज ने स्‍याना पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि वह अपने कुछ साथियों के साथ 3 दिसंबर को सुबह करीब नौ बजे गांव महाब के जंगलों में घूम रहा था। इसी दौरान उसने नयाबांस के आरोपी गोतस्‍कर सुदैफ चौधरी, इलियास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज और सरफुद्दीन को गोवंशों को कत्ल करते हुए देखा। इसके बाद उन्‍होंने शोर मचा दिया। इसके बाद आरोपी भाग निकले।

योगेश राज ने इनका नेतृत्‍व किया

बता दें कि इस कथित गोकशी की शिकायत के बाद सैंकड़ों लोग सड़क पर आ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। योगेश राज ने इनका नेतृत्‍व किया। स्‍याना कोतवाली के प्रभारी सुबोध कुमार सिंह ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। इस पर भीड़ हिंसक हो गई और इसी दौरान किसी ने गोली मारकर सुबोध कुमार की हत्‍या कर दी।

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