सेहत ही नहीं अर्थव्यवस्था के लिए भी रामबाण बना योग …

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यूं तो हमारे देश के पुराणों, उपनिषदों और ग्रंथ में योग दिवस का उल्लेख मिलता है. इसका तत्पर्य ये है कि योग हमारी भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है. इसके अस्तित्व को बनाए रखने के लिए कई सारे योग गुरूओं ने संघर्ष भी किया है. लेकिन योग को असली पहचान दिलाई देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत के साथ. साल 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद साल 2015 में 21 जून को योग दिवस की शुरूआत कर दिवस के तौर पर की गयी थी. जिसके बाद देश ही नहीं बल्कि दुनिया में योग को एक अलग पहचान मिली है जो आज 177 देशों तक पहुंच चुका है.

ऐसे में योग केवल सेहत के लिए ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए किसी रामबाण के कम साबित नहीं हुआ है. इसके साथ ही योग अब सिर्फ योग नहीं बल्कि योगा ब्रांड की तौर पर उभर कर आ रहा है. योग का देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे रहा है. एक ब्रांड योगा के तौर पर इसका व्यापार दिन दुगने रात चौगुने उन्नत करता जा रहा है. योग के प्रति लोगों की जागरूकता ने योग इंडस्ट्री और योग इकोनॉमी जैसे शब्दों को आम बोलचाल में लाया है. अब आइए जानते हैं कि योगा का व्यवसाय कितना बड़ा है और हर साल कितना कारोबार होता है?

रोजगार का बड़ा साधन बना योग

योग अब सिर्फ योग तक सीमित नहीं रहा है, वह लोगों के जीवन यापन का साधन भी बन गया है. अब योग के कई प्रकार हो गए है, जिसमें मसलन, बीयर योग, गोट यानि बकरी योग, हैरी पॉटर योग, न्यूड योग और न जाने कितने ही प्रकार है, जिनकी चर्चा कर पाना भी मुश्किल है. वहीं अगर बात करें योग से होने वाली कमाई की तो, योग से कमाई के मामले बहुत आगे निकल चुके हैं. आज के समय में योग बिजनेस विदेश और खास तौर पश्चिमी देशों में जबर्दस्त कमाई कर रहा है. जब योग व्यापार की बात आती है, तो दुनिया भर में एक्टिव वियर, एसेसरीज, मैट्स, क्लब्स और योग सेंटर्स जैसे कई व्यवसायों का विस्तार और विकास हुआ है. साल 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की मान्यता मिलने के बाद से यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

2015 से अब तक कितना बढा योग का कारोबार ?

योग के व्यापार से हो रही ग्रोथ की बात करें तो, उसके लिए हमें नजर डालनी होगी ईएमआर की एक रिपोर्ट पर. इसमें इस बात का दावा किया गया है कि योग व्यापार साल 2024 से 2032 के बीच में ग्लोबल मार्केट में तकरीबन 9 फीसदी ग्रोथ कर सकता है. इतना ही नहीं साल 2023 में योग का विश्व बाजार लगभग 115.43 अरब डॉलर था, जो 2032 तक 250.70 अरब डॉलर हो सकता है. योग भी सस्टेनबल एक्सरसाइज है. यही कारण है कि योग के लिए इस्तेमाल होने वाले मैट, कुशन, ब्लॉक, कपड़े और अन्य सामान की मांग बढ़ गई है. बल्कि यह कई कंपनियों द्वारा पुनःप्रयोग किए गए सामग्री से बनाया जाता है, इसलिए इसकी इकोनॉमी को सर्कुलर इकोनॉमी भी कहा जाता है.

ऑफलाइन से ऑनलाइन तक फैला योग का व्यापार

योग व्यवसाय की अच्छी बात यह है कि,यह ऑफलाइन से ऑनलाइन तक फैला हुआ है और दोनों ही जगह पर इसकी अच्छी खासी ग्रोथ हो रही है. लोग तेजी से योग स्टूडियो, योग क्लब और जिम में योग कोर्सेस को बड़ी संख्या में अपना रहे है. वहीं कई सारे सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन योग क्लासेज प्रदान कर रहे हैं. योग के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि ने लोगों के बीच योग स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया है, वहीं इनके कर्मचारियों की मांग भी बढ़ी है.

ये अब महिलाओं के लिए एक अच्छा करियर विकल्प बन गया है. आंकड़े बताते हैं कि, विश्व भर में योग कराने वालों में 72 प्रतिशत महिलाएं हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार योग क्लासेस इंडस्ट्री का रिवेन्यू साइज भारत में ही करीब 2.6 अरब डॉलर हो चुका है.जबकि योग क्षेत्र 80 अरब डॉलर का है, कोरोना के बाद इसमें 154 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

योग प्रोफेशनल्स में 72% महिलाएं

योग के चलन में तेजी आने से महिलाओं को भारी संख्या में रोजगार के मौके मिल रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में काम करने वाले योग प्रोफेशनल्स में 72 परसेंट महिलाएं हैं. भारत में ही योग क्लासेस की इंडस्ट्री का रेवेन्यू साइज करीब 2.6 अरब डॉलर का है, जबकि योग इंडस्ट्री का आकार 80 अरब डॉलर का है. कोविड-19 के बाद तो इसमें 154 परसेंट तक की ग्रोथ दर्ज की गई है. इसमें महिलाओं समेत योग से जुड़े सभी प्रोफेशनल्स के लिए ये एक बढ़िया करियर विकल्प साबित हुआ है. योग के जरिए ऑफलाइन मार्केट के साथ-साथ ऑनलाइन बाजार तक को बड़ा फायदा मिल रहा है. लोग योग स्टूडियो, योग क्लब और जिम में भी योग से जुड़े कोर्स कर रहे हैं, तो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर इंफ्लूएंसर्स भी ऑनलाइन योग क्लासेस दे रहे हैं.

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योग कैसे बना ब्रांड ?

जब हम योग के बेहतर व्यवसाय बनने को लेकर चर्चा कर रहे है तो, ऐसे में यह काफी अच्छा सवाल है कि,आखिर योग एक ब्रांड कैसे बना. इस बात को समझने के लिए आप योग की चटाई को ले लीजिए. एक मार्केटिंग रिसर्च कंपनी के अनुसार, साल 2023 में अमेरिका में योगा की मैट यानी चटाई को बाजार मूल्य 8.96 बिलियन अमरीकी डॉलर था और 2031 तक यह 14.72 बिलियन अमरिकी डॉलर तक पहुंच जाने की वाला है.

योगा पैंट्स जो अब फैशन में हैं, लाइफ स्टाइल मैगेज़ीन जीक्यू ने पाया कि, कनाडा की कंपनी लुलुलेमन की योगा पैंट्स ने महिलाओं पर बुरा प्रभाव डाला है. जैसे- 80 पाउंड (यानि 7000 रुपये) में लुलुलेमन पैंट खरीद सकते हैं. अमेरिकी कपड़ा बाजार में योग करने से जुड़े परिधानों का हिस्सा 17 प्रतिशत से अधिक है.

 

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