नौ साल की उम्र में समाज में जला रही हैं शिक्षा की लौ

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9 नौ साल की लाईब्ररियन..जी हां महज नौ साल की उम्र में शिक्षा की रौशनी फैला रही है। मुस्कान अहिरवार नाम की ये मासूम खिलौने से खेलने के बजाय समाज में शिक्षा की लौ जला रहीं है। उनके इस कार्य के लिए नीति आयोग ने पुरस्कृत करने का फैसला किया है।

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अपने घर के बाहर पुस्तकें सजा लेती है

मुस्कान के इस अमूल्य योगदान के लिए उन्हे थॉट लीडर अवॉर्ड से नवाजे जाने की घोषणा की है। इतना ही नही मुस्कान को एमपी के सीएम ने दो लाख रुपये की सहायता राशि भी दी है।मुस्कान तीसरी क्लास में पढ़ती है। स्कूल से लौटते ही अपने घर के बाहर पुस्तकें सजा लेती है और आस पास के बच्चों को एकत्र कर उन्हें पढ़ाती है और महापुरुषों की कहानियां भी सुनाती है। इससे बच्चे भी किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित होते है। मुस्कान के पिता बढई है और मां ग्रहणी है।

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बाल पुस्तकालय में 121 किताबें है

मुस्कान के इस कुछ कर गुजरने के हौसले को उसके माता पिता भी सराहना करते है और उसका पूरा साथ देते है। मुस्कान के बाल पुस्तकालय में 121 किताबें है। इन किताबों में महापुरुषों से लेकर अन्य किताबें भी मौजूद है।

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समाज के सामने उदाहरण पेश किया है

आमतौर पर नौ साल की उम्र में बच्चों के खेल खिलौनों में ही उलझे रहते है, लेकिन मुस्कान ने इतनी कम उम्र में शिक्षा के प्रचार प्रसार में योगदान देकर समाज के सामने उदाहरण पेश किया है।

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