यमुना किनारे अब होगा यमुना संसद का आयोजन, दिल्ली एलजी और आप के मंत्री होंगे एक साथ शामिल
देश की राजधानी दिल्ली के लिए यमुना कई तरह से बहुत उपयोगी है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इसको लेकर पिछले कई दशकों से गंभीरता से इसकी सुध लेने की बजाय यह केवल सियासत का केंद्र रहा. लेकिन अब बीतें कुछ महीनो में अब चाहे दिल्ली सरकार हो या दिल्ली के राज्यपाल व अनेक सामाजिक संस्थाओ के द्वारा इसके साफ़-सफाई और आसपास तटवर्ती क्षेत्रों के कायाकल्प को लेकर अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. अब इसी में एक अच्छी पहल देखने को मिली है, जब 4 जून को यमुना संसद का आयोजन किया जाएगा . इसको लेकर आयोजकों द्वारा विधिवत तैयारी की जा रही है.
आयोजन में एलजी और पर्यावरण मंत्री दोनों हो सकते हैं शामिल…
आने वाले 4 जून को यमुना किनारे यमुना संसद का आयोजन किया जाएगा जिसका प्रमुख उद्देश्य लोगों को यमुना सफाई के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें इस नदी के प्रति अपने कर्तव्य को लेकर संकल्प दिलाया जाए. इस अवसर पर वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज किनारे तक एक मानव श्रंखला भी बनाई जाएगी जो यमुना स्वच्छता के प्रति जन भागीदारी के संदेश को दिल्ली के जन जन तक पहुंचाएगी. 4 जून की सुबह 6:30 बजे यमुना के किनारे यमुना स्वच्छता के प्रति दायित्व को लेकर लोग सपथ लेंगे. इस आयोजन से जुड़े लोगों का कहना है कि इस महत्वपूर्ण दिन भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी होगी. दर्जनों सामाजिक संगठन दिल्ली सरकार के मंत्री और एल जी को भी इस अवसर पर आमंत्रित किया गया है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस खास मौके पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय एक साथ मौजूद होंगे. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है इसलिए इन दिनों दिल्ली में यमुना स्वच्छता और दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने जैसे अनेक मुहिम और जन जागरूकता अभियान दिल्ली सरकार व सामाजिक संस्थानों की तरफ से चलाए जाने के कार्यक्रम निर्धारित है.
4 जून को बनेगी बड़ी मानव श्रृंखला…
4 जून को यमुना के तटवर्ती क्षेत्र पर यमुना संसद के साथ-साथ मानव श्रृंखला बनाकर यमुना स्वच्छता के प्रति जन भागीदारी को लेकर महत्वपूर्ण संदेश दिया जाएगा. इस दौरान भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी होगी, इसके अलावा विभिन्न दलों और सामाजिक संस्थानों से भी लोगों के पहुंचने की सूचना है. 4 जून को दिल्ली यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में यमुना संसद के लिए वजीराबाद, उस्मानपुर, पुराना लोहे का पुल, गीता कॉलोनी, आईटीओ, निजामुद्दीन, डीएनडी, कालिंदी कुंज शामिल है . निश्चित तौर पर सरकार के अलावा जनभागीदारी के तौर पर लोगों द्वारा भी ऐसे प्रयास की आवश्यकता है जिससे दिल्ली की पहचान और आम जनजीवन के लिए अत्यंत उपयोगी यमुना नदी को पूरी तरह से स्वच्छ बनाया जा सके.