विदेश में भारत का डंका बजाने वाले WWE रेसलर ने बाबा धाम और काल भैरव दरबार में नवाया शीष
रेसलर रिंकू सिंह ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद काल भैरव मंदिर में विशेष पूजा की और हर-हर महादेव के जयकारे भी लगाए.
अमेरिका में रहकर भारत का डंका बजाने वाले भदोही के मूल निवासी और डब्ल्यूडब्ल्यूई (वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट) रेसलर रिंकू सिंह उर्फ वीर महान आज शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे. वह भारतीय पहलवान के तौर पर अपने ताकत का जलवा और देश का झंडा बुलंक रखते हैं. उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद काल भैरव मंदिर में विशेष पूजा की और हर-हर महादेव के जयकारे भी लगाए.
ग्रेट खली के बाद नाम किया रोशन
बता दें कि रिंकू के पिता ट्रक ड्राइवर थे. रिंकू ने अपनी मेहनत और लगन के भरोसे देश के लोगों के दिल में अपनी पैठ बनाई है. रिंकू ने विदेश में बड़े-बड़े पहलवानों को टक्कर दी है. द ग्रेट खली के बाद रिंकू सिंह भारतीय पहलवान के तौर पर वर्ल्ड रेसलिंग में एक अलग ऊंचाई हासिल करने वाले भारतीय पहलवान हैं.
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माथे पर त्रिकुंड और भारतीय पारंपरिक वेशभूषा के साथ रिंकू वर्ल्ड रेसलिंग के रिंग में एंट्री मारते हैं. जॉन सेना, द ग्रेट खली समेत कई पहलवानों के साथ उन्होंने लड़ाइयां भी लड़ी है. रिंकू यूएस में ही रहते हैं और समय-समय पर भारत आते रहते हैं. इन दिनों वह भारत आए हुए हैं और आज वाराणसी पहुंचे थे.
एथलीट से बने रेसलर
रिंकू भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील के होलपुर गांव के वह मूल निवासी हैं. रिंकू के पिता ब्रह्मदीन सिंह ने ट्रक चलाकर अपने चार बच्चों का पालन-पोषण किया. बचपन में रिंकू जैवलिन थ्रो और क्रिकेट खेलते थे. बाद में वह गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज लखनऊ चले गए. यहां भाला फेंक में उन्होंने जूनियर नेशनल में मेडल भी जीता. वर्ष 2008 में जैवलिन की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विजेता चुने गए. 2018 में दुबई में डब्ल्यूडब्ल्यूई की दुनिया में कदम रखा.
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उन्होंने एक अन्य भारतीय सौरभ गुर्जर के साथ द इंडस शेर के नाम से टीम बनाई. दोनों ने डब्ल्यूडब्ल्यूई एनएक्सटी में हिस्सा लिया. 2021 में रिंकू टीम से अलग हो गए और स्वतंत्र रेसलर के रूप में डब्ल्यूडब्ल्यूई रॉ से जुड़ गए. उन्होंने अपना नाम वीर महान रख लिया है.