सावन का महीना चल रहा है. इस साल सावन का महीना बेहद खास है. इस बार सावन एक नहीं बल्कि दो महीने यानी 58 दिनों तक मनाया जाएगा. ऐसे में सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का भी विशेष महत्व होता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और मनोकामना पूरी करने के लिए रखा जाता है. सावन के पहले प्रदोष व्रत का प्रदोष काल आज यानी 14 जुलाई को शाम से शुरू हो रहा है. लेकिन यह व्रत 15 जुलाई यानी शनिवार को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन सावन की शिवरात्रि है. इस दिन भक्तों पर शिव की दोगुनी कृपा बरसेगी। प्रदोष व्रत का दिन शनिवार होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. कौन से उपाय करने से शिव देंगे धन और सौभाग्य, जानिए यहां.
शिवरात्रि से पहले प्रदोष व्रत…
बता दें कि प्रदोष व्रत सावन में कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि को रखा जाता है.इस बार यह तिथि 15 जुलाई यानी कि शनिवार को है. त्रियोदशी तिथि 14 जुलाई यानी कि आज शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और शनिवार को शाम 8 बजकर 33 मिनट पर त्रियोदशी तिथि का समापन होगा. लेकिन व्रत 15 जुलाई को ही रखा जाएगा.वहीं सावन की शिवरात्रि तिथि 15 जुलाई को रात 8 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी कि 16 जुलाई को रात 10 बजकर 8 मिनट पर समापन होगा. मतलब शिवरात्रि से पहले प्रदोष व्रत करने से जीवन में सुख-सौभाग्य आएगा.
भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें…
सावन के प्रदोष व्रत में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनका चंदन, चावल, धतूरा, बेलपत्र और भांग आदि से अभिषेक करना चाहिए. इस विधि से पूजा करने पर भोलेनाथ मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं.
सावन में प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है. ऐसे में एक कटोरे में सरसों का तेल लेकर उसमें अपनी छाया देखें और एक रुपए का सिक्का उसमें डालकर शनि मंदिर जाकर दान करें.ऐसा करने से शनि दोषों से मुक्ति मिलेगी.
सावन प्रदोष व्रत में महादेव का अभिषेक शहद से करना बहुत ही शुभफलदायी है. ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे और भगवान की कृपा बरसेगी.
प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव के साथ ही शनिदेव की आराधना करना काफी शुभ रहेगा. इससे शिव और शनि दोनों की कृपा भक्तों पर बरसेगी.साथ ही शनि स्त्रोत का भी पाठ करना चाहिए.
किस्मत का बंद ताला खोलने के लिए शनि प्रदोष व्रत के दिन रोटी पर सरसों का तेल लगाकर उसमें गुड़ रखकर काले कुत्ते को खिलाना अच्छा उपाय है.
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