नवरात्रि के छठे दिन करे मां कात्यायिनी की पूजा, जानिए पूजाविधि और स्तुति मंत्र

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चैत्र नवरात्रि का आज छठवां दिन है, आज यानि 27 मार्च को माता के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. नवरात्रि में माता के हर स्वरूप को प्रसन्न करने के लिए तरह- तरह के उपाय किये जाते है. कहा जाता है कि नवरात्री में किए गए छोटे-मोटे बदलावों से घर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. नवरात्रि में किए गए इन उपायों से मां दुर्गा के साथ-साथ लक्ष्मी जी की भी कृपा प्राप्त होती है. माना जाता है कि नवरात्रि में घर के मुख्य द्वार पर कुछ काम करने से मां लक्ष्मी का आगमन होता है. आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में.

मां का स्वरूप…

मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं,इनका स्वरूप अत्यंत ही भव्य और दिव्य है। इनका वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला और भास्वर है। शेर पर सवार मां की चार भुजाएं हैं, इनके बायें हाथ में कमल और तलवार व दाहिनें हाथों में स्वास्तिक व आशीर्वाद की मुद्रा अंकित है। भगवान कृष्ण को पाने के लिए व्रज की गोपियों ने इन्ही की पूजा कालिंदी नदी के तट पर की थी।ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।

कौन हैं मां कात्यायनी…

कत नामक एक प्रसिद्द महर्षि थे,उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्व प्रसिद्द महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी कि मां भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। मां भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली। कुछ काल पश्चात जब दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बहुत अधिक बढ़ गया था तब भगवान ब्रह्मा,विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज़ का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को प्रकट किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की और देवी इनकी पुत्री कात्यायनी कहलाईं।

पूजाविधि…

दुर्गा पूजा के छठे दिन भी सर्वप्रथम कलश व देवी के स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा कि जाती है। पूजा की विधि शुरू करने पर हाथों में सुगन्धित पुष्प लेकर देवी को प्रणाम कर देवी के मंत्र का ध्यान करना चाहिए। मां को श्रृंगार की सभी वस्तुएं अर्पित करें। मां कात्यायनी को शहद बहुत प्रिय है इसलिए इस दिन मां को भोग में शहद अर्पित करें। देवी की पूजा के साथ भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए।

पूजा फल…

देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी के इस स्वरूप की पूजा करने से शरीर कांतिमान हो जाता है। इनकी आराधना से गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है। मां कात्यायिनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम,मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। उसके रोग,शोक, संताप और भय आदि सर्वथा नष्ट हो जाते हैं।

किनको होगा लाभ…

जिनके विवाह में विलम्ब हो रहा हो या जिनका वैवाहिक जीवन सुखी नहीं है वे जातक विशेष रूप से मां कात्यायिनी की उपासना करें,लाभ होगा।

स्तुति मंत्र…

या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

चंद्र हासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना|
कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानवघातिनि||

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