World Water Day: मानव श्रृंखला बनाकर गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का लिया संकल्प

मां गंगा के साथ आसि व वरुण को भी करना होगा स्वच्छ, मां गंगा का जल अभी भी आचमन योग नहीं - प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्रा

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World Water Day: वाराणसी में विश्व जल दिवस पर 22 मार्च शुक्रवार को संकट मोचन फाउंडेशन एवं मदर्स फॉर मदर के संयुक्त तत्वावधान में तुलसीघाट पर मानव श्रृंखला बनाकर मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया गया. इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में गंगा सहित देश की सभी नदियों व तालाबों एवं जल संकट पर मंथन करते हुए इसके प्रति लोगों को जागरूक किया गया.

समारोह की अध्यक्षता करते हुए संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्रा ने कहा कि वाराणसी शहर तीन नदियों गंगा, वरुणा और असि का संगम है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुल गीत में आसि, वरुणा नदी का वर्णन करते हुए गीत के रचयिता देश के ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर शांति स्वरूप भटनागर ने लिखा है कि असि और वरुणा में लोग स्नान करते थे और उसका पानी भी पीते थे. आज इन दोनों नदियों की स्थिति खराब है असि और वरूणा के नाम पर ही शहर का नाम वाराणसी है.

असि-वरुणा की निर्मलता पर गंगा की स्‍वच्‍छता निर्भर

असि और वरुणा को स्वच्छ और निर्मल किए बिना गंगा स्वच्छ नहीं हो सकती. प्रदूषण की मार झेल गंगा की सच्चाई है कि आज उसका पानी पीने योग्य नहीं है. श्री मिश्र ने मां गंगा के लिए आमजन से आगे आने की अपील भी की. मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र दयालू ने कहा कि आज पानी का संकट पूरे विश्व में बढ़ता जा रहा है.

बेंगलुरु सहित देश में पानी का संकट को देखते हुए केंद्र की सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने हर घर नल से जल सहित तमाम योजनाएं चल रही है, जिससे भूजल का दोहन रुक सके साथ ही गंगा सहित सभी नदियों को प्रदूषण करने के लिए एसटीपी का निर्माण करने के साथ लोगों को इसके प्रति जागरूक भी कर रही है. मदर्स मदर फॉर मदर की संस्थापिका श्रीमती आभा मिश्रा ने मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में मातृ शक्ति से सहयोग करने की अपील करते हुए कहीं की जब तक देश की मातृ शक्ति मां गंगा के प्रति गंभीर नहीं होगी तबतक मां गंगा प्रदूषण मुक्त नहीं होगी.

वाटर फार पीस

आईआईटी बीएचयू के पूर्व निदेशक एवं संकट मोचन फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य प्रोफेसर एसएन उपाध्याय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस बार वाटर फ़ॉर पीस  का थीम  दिया गया है. भारत में तो शुरूसे ही जल से शांति की बात कही गई है. जल् से संकल्प लेकर पूरे विश्व में शांति की कामना की जाती है. उन्होंने कहा कि आज जल के लिए युद्ध की नौबत आ गई है इसके लिए हमें जागरूक होना होगा और जल के लिए शांति से प्रयास करना होगा.

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गोष्ठी को संबोधित करते हुए मैत्री भवन के निदेशक फादर फिलिप्स, प्रख्यात खिलाड़ी फरमान हैदर, समाजसेवी रामयश मिश्रा ने कहा कि   जल के बिना जीवन संभव नहीं है. गोष्ठी के पश्चात मानव श्रृंखला बनी जिसमें लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ कर मां गंगा को प्रदूषण मुस्कुराने में सहयोग करने का संकल्प लिया. वाराणसी विकास समिति के सचिव राजेंद्र दुबे ने सबको संकल्प दिलाया.मानव श्रृंखला में भोगबीर स्पोर्टिंग क्लब के दर्जनों युवाओं ने को मां गंगा को लेकर काफी गंभीर दिखे और गगनभेदी नारे लगाते हुए मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में हर संभव सहयोग का संकल्प लिया. मानव श्रृंखला में तुलसी विद्या निकेतन के छात्र और अध्यापक भी शामिलहुए. आए हुए अतिथियों का स्वागत डॉक्टर अनूप मिश्रा, अशोक पांडे राजेश मिश्रा ने किया, कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र दुबे एवं रामयश मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद प्रोफेसर एन के दुबे ने दिया.

 

 

 

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