विश्व आर्थराइटिस दिवस पर जानें क्या है गठिया और इसका इलाज!
पूरे विश्व में दिन प्रतिदिन हड्डी एवं जोड़ों के दर्द, गठिया के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। विश्व गठिया दिवस लोगों को गठिया की बीमारी व बचाव के बारे में जागरूक करने और उसकी जानकारी बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। जोड़ों में जलन, दर्द सूजन, लालपन, जोड़ों का दर्द रहना और चलने में तकलीफ होना आर्थराइटिस का प्रमुख लक्षण हैं जिससे मरीज की दिनचर्या व उसकी कार्यक्षमता पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
गठिया कई प्रकार की होती है जिसमें आस्टियो आर्थराइटिस सबसे ज्यादा एवं प्रमुख कारण है जो कि ज्यादा उम्र के पुरुषों एवं महिलाओं को प्रभावित करता है, इस बीमारी में कई जोड़ प्रभावित हो सकते हैं, परंतु घुटनों का जोड़ अधिकतर मरीजों में सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
गठिया के प्रमुख कारण अधिक वजन, बदलता खानपान वा निष्क्रिय दिनचर्या है। आनुवांशिक एवं पारिवारिक कारण भी हो सकते हैं। गठिया से बचाव के लिए अपने वजन को कम एवं सक्रिय दिनचर्या अपनाना चाहिए जिसमे प्रतिदिन कसरत एवं पैदल चलना, दौड़ना शामिल करना चाहिए। गठिया का इलाज व्यायाम, दवाएं, वजन कम करना और अंतिम अवस्था में सर्जरी (जोड़ प्रत्यारोपण) कर संभव है।
यह जानकारी डॉ नरेंद्र कुशवाहा एसोसिएट प्रोफेसर एवं वरिष्ठ जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ अस्थि शल्य विभाग केजीएमयू लखनऊ ने दी है। डॉ नरेंद्र कुशवाहा ने बताया है कि उनके पास गठिया से पीड़ित अंतिम अवस्था के मरीज आते हैं जिनका जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी से सफल इलाज कर मरीज अपनी पुरानी दिनचर्या के काबिल हो पाता है
कन्नौज निवासी मरीज सुरेंद्र कुमार (उम्र 55 साल) 6 साल से गठिया से पीड़ित था तथा बिस्तर पर लेटा हुआ था एवं करवट लेने में भी असमर्थ था। उठकर बैठ भी नहीं सकता था। डॉ नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने दोनों कूल्हे तथा दोनों घुटनों का सफल प्रत्यारोपण किया जिससे सुरेंद्र आज चल फिर रहा है तथा अपनी रोजी-रोटी कमा रहा है।
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