आज विश्व एड्स दिवस है। यह एच.आई.वी. वायरस के संक्रमण से होने वाले रोग के प्रति जागरुकता बढ़ाने और इसके खात्मे के लिये एकजुटता व्यक्त करने का दिन है।
यह दिन एड्स से ग्रस्त लोगों के प्रति सहयोग और समर्थन का अवसर भी प्रदान करता है।
इस वर्ष विषय है – “कम्युनिटीज़ मेक द डिफरेंस” है।
इसलिए मनाया जाता है यह दिन-
यह दिवस 1988 हर साल मानया जा रहा है।
2017 के आकडों के अनुसार भारत में करीब साढ़े 21 लाख लोग एड्स से ग्रसित है।
सरकार इसकी रोकथाम के लिए राष्ट्रीय रोकथाम नियंत्रण चला रही है।
इसके तहत रोकथाम परीक्षण और उपचार की तृस्तरीय अपनायी जाती है।
मालूम हो कि हर सप्ताह 15-24 साल की 6000 महिलाएं HIV से संक्रमित होती हैं।
57 प्रतिशत की कमी-
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संस्थान के अनुसार देश में एचआईवी के नये मामलों में करीब 57 प्रतिशत की कमी आयी है।
2030 तक एड्स के खत्में का सतत विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार ने 2017 से 2024 तक सात वर्षिय राष्ट्रीय कार्यनीति योजना भी तैयार की है।
यह भी पढ़ें: उन्नति के औजार हैं ये मजदूर
यह भी पढ़ें: Constitution Day : आजादी मिलने से पहले ही होने लगी थी संविधान निर्माण की बात