इतने लोग भारत में पहली बार कर रहे ‘वर्क फ्रॉम होम’

घरों से ही आफिस का काम तेजी पकड़ रहा?

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नई दिल्ली : कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग अपने घरों से ही काम (Work from home) कर रहे हैं।

57 प्रतिशत अब भी घर से काम नहीं कर रहे

लगभग 29 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिलाओं ने पहली बार Work from home शुरू किया है। यह बात आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण में शनिवार को सामने आई। सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 29.7 प्रतिशत पुरुषों ने पहली बार Work from home शुरू किया है, जबकि 5.3 प्रतिशत पहले भी ऐसा कर चुके हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 56.9 फीसदी लोगों ने कहा कि बंद के बीच वे Work from home नहीं कर रहे हैं।

इसी तरह महिला कर्मचारियों की बात करें तो लगभग 25 प्रतिशत महिलाओं ने बंद के बीच पहली बार Work from home शुरू कर दिया है।

64 प्रतिशत महिलाएं नहीं कर रहीं

सर्वेक्षण के अनुसार, 7.4 प्रतिशत महिलाएं पहले से ही Work from home कर रही हैं, जबकि 63.8 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कहा कि वे घर से काम नहीं कर रही हैं।

सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि 25 साल से कम उम्र के 35 प्रतिशत से अधिक फ्रेशर्स (काम शुरू करने वाले नए कर्मचारी) पहली बार Work from home कर रहे हैं, जबकि उनमें से 51 प्रतिशत घर से काम नहीं कर रहे हैं, वहीं इनमें से केवल चार प्रतिशत को ही पहले घर से काम करने का अनुभव है।

पहली बार Work from home कर रहे

सर्वे में यह भी पता चला है कि 35 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 35 प्रतिशत लोग पहली बार Work from home कर रहे हैं, जबकि उनमें से 51 प्रतिशत घर से काम नहीं कर रहे हैं। कुल 6.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पहले से घर से काम कर रहे हैं।

सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि लगभग 29 प्रतिशत पुरुष और 27 प्रतिशत महिलाओं ने राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान रसोई में नए व्यंजन तैयार करने की कोशिश की है।

36 प्रतिशत फ्रेशरों ने नए व्यंजन की कोशिश की

सर्वेक्षण में बताया गया है कि बंद के दौरान 25 साल से कम उम्र के लगभग 36 प्रतिशत फ्रेशरों ने रसोई में नए व्यंजन तैयार करने की कोशिश की, जबकि 53 प्रतिशत ने कोशिश नहीं की और छह प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे पहले से ऐसा कर रहे हैं।

इसी तरह लॉकडाउन के दौरान 25 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने एक नया व्यंजन तैयार करने की कोशिश की, जबकि 61 प्रतिशत लोग इससे दूर रहे और 7.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पहले से ऐसा कर रहे हैं।

नया पकवान बनाने का क्रेज बढ़ा

सर्वेक्षण में यह भी दावा किया गया कि 45 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के केवल 18.9 प्रतिशत लोगों ने बंद के दौरान एक नया पकवान तैयार करने की कोशिश की, जबकि 77 प्रतिशत लोगों ने कोशिश नहीं की और केवल 3.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे ऐसा पहले से ही करते आ रहे हैं।

इस बीच 60 वर्ष से अधिक आयु के केवल 23.4 प्रतिशत लोगों ने एक नया पकवान तैयार करने की कोशिश की, जबकि 67.5 प्रतिशत लोग इससे दूर रहे और 8.1 प्रतिशत लोग पहले भी यह आजमा चुके थे।

रसोई में नया पकवान बनाने की कोशिश तेज

सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि उच्च शिक्षा समूह के लोगों ने निम्न आय वर्ग के लोगों की तुलना में लॉकडाउन के बीच रसोई में एक नया पकवान तैयार करने की अधिक कोशिश की।

इसमें कहा गया है कि उच्च आय वर्ग के 38.8 प्रतिशत लोगों ने कोई नया पकवान तैयार करने की कोशिश की, जिसके बाद मध्यम आय वर्ग में 33.8 प्रतिशत और निम्न आय वर्ग में 24.7 प्रतिशत लोगों ने ऐसा किया।

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