तीखी मिर्ची से जिंदगी में मिठास घोल रहीं हैं महिलाएं

0

एक ओर जहां कोरोना संक्रमण काल में सबुकछ ‘लॉकडाउन’ था, वहीं झारखंड राज्य की सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं पूरी मेहनत कर हर रोज परिश्रम से समृद्धि एवं सफलता की नई मिसाल कायम कर रही हैं। यहां की महिलाएं जैविक तरीके से मिर्ची की खेती कर अपनी और परिवार के सदस्यों की जिंदगी में मिठास घोल रही हैं।

3000 की आर्थिक मदद लेकर मिर्च की खेती

देवघर के पालाजोरी प्रखंड के सगरभंगा गांव की महिला विकास सखी मंडल से जुड़ी सलिता देवी फरवरी महीने में सखी मंडल से 3000 की आर्थिक मदद लेकर मिर्च की खेती करने की ठानी। मिर्च की खेती शुरू भी की, लेकिन पौधे सूखने की नौबत आ गई। ऐसे में सलिता ने अपने गांव की आजीविका कृषक मित्र आशा देवी से बात की एवं जानकारी साझा की।

करीब 30,000 रुपये की आमदनी

सलिता की मेहनत एवं आशा जैसी आजीविका कृषक मित्र की सूझ बूझ से सलिता विगत दो महीनों में लगभग एक क्विंटल मिर्च का उत्पादन कर, करीब 30,000 रुपये की आमदनी कर चुकी हैं।

सगरभंगा गांव देवघर जिला के पालोजोरी प्रखंड के अंतर्गत आता है जिसमें सलिता जैसी दर्जनों महिलाएं खेती का कार्य वृहद स्तर पर कर रही हैं और अच्छी कमाई भी कर रही हैं।

आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए लगातार कर रही है प्रयास

झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के तहत सखी मंडल की महिलाएं अपने संगठन से ऋण लेकर अपनी आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

साल 2018 में आशा देवी की पहल पर उनके गांव में कनवर्जेस की मदद से अच्छे बीज के पौधों हेतु पॉली हाउस का निर्माण कराया गया। इसके माध्यम से आज इन के गांव के करीब 10 से 15 किसानों की पैदावार में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। आजीविका कृषक मित्र आशा देवी दर्जनों महिला किसानों को उनके गांव में तकनीक से खेती की प्रशिक्षण देती हैं।

आशा देवी जैसी करीब 10 हजार से ज्यादा आजीविका कृषक मित्र झारखंड के विभिन्न गांवों में छोटे एवं सीमांत किसानों को तकनीक एवं उन्नत विधियों पर प्रशिक्षित करते हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा खेती कर अच्छी कमाई सुनिश्चित कर सके।

ये कृषक मित्र किसानों को जैविक खाद एवं समुदाय आधारित सतत कृषि के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ये सभी कृषक मित्र दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षित किए गए हैं एवं लोगों को बहुफसली खेती, धान की उन्नत खेती, सब्जी की खेती एवं अन्य जरूरी बातों से प्रशिक्षित एवं अवगत कराते हैं, ताकि आम किसानों की आमदनी बढ़े।

सलिता ने अपना अनुभव किया साझा

सलिता अपना अनुभव साझा करते हुए बताती हैं, “खेती तो सभी करते हैं परंतु अच्छी उत्पाद किसी-किसी को मिलती है। आज अच्छी उत्पाद के लिए हर तरह की जानकारी हमें मिल पाती है और अच्छे किस्म के बीज के चुनाव से लेकर जैविक खाद बनाना, पॉलीहाउस में बीज के पौधे तैयार करना इस सबकी विस्तृत जानकारी मिल पाने से हम भी अच्छा उत्पादन कर पाने में सफल हुए हैं।”

सलिता देवी कहती हैं कि इसी कारण मात्र 10 डिसमिल जमीन में मिर्च की खेती कर, वह इतना अच्छा आमदनी कर पाने में सफल हुई हैं। साथ ही इन विधियों का उपयोग कर धान के उत्पादन में करीब ढाई गुना की बढ़ोतरी कर पाई हैं।

सलिता बताती हैं कि प्रत्येक दुकानदार करीब 10 से 30 किलो मिर्च आसानी से खरीद रहा है।

अरतोपा गांव की पुतुल देवी सब्जियों की खेती कर लॉकडाउन के दौरान भी प्रतिदिन करीब 500 रुपये की आमदनी कर पा रही हैं। इनकी फसलों में मुख्य रूप से लौकी, कद्दू, भिंडी तथा अन्य लत्तेदार सब्जियां शामिल हैं।

सखी मंडल की 5 लाख से ज्यादा महिलाएं कर रहीं हैं खेती

पूरे झारखंड में सखी मंडल की 5 लाख से ज्यादा महिलाओं को खेती की विभिन्न गतिविधियों में जोड़ा गया है।

ग्रामीण विकास विभाग के विशेष सचिव और झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के सीईओ राजीव कुमार ने आईएएनएस से कहा, “हमलोग सखी मंडल की महिलाओं को कृषि आधारित आजीविका से लगातार जोड़ रहे हैं। विभिन्न योजनाओं के कनवर्जेस से हम सखी मंडल की बहनों को सिंचाई की सुविधाएं एवं टपक सिंचाई से भी जोड़ रहे हैं, जिससे इनको सिंचाई के साधनों की दिक्कत न हो।”

उन्होंने आगे कहा, “सुदूर गांव के आखिरी परिवार को भी अच्छी तकनीक एवं उन्नत खेती के तौर तरीके पता हो इसके लिए आजीविका मिशन के तहत आजीविका कृषक मित्र प्रशिक्षित किए गए हैं। ये कैडर्स गांव में खेती से जुड़े किसानों को प्रशिक्षित करते हैं एवं हर तरह से मदद भी करते हैं।”

यह भी पढ़ें: खुशखबरी: प्लेन और ट्रेन के बाद अब यात्री कर सकेंगे रोडवेज बसों में सफर

यह भी पढ़ें: आज से सड़कों पर फर्राटा भरेंगी यूपी रोडवेज की बसें

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हेलो एप्पडेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More