आरएसएस न होता तो वंदे मातरम के बारे में न जान पाते : योगी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) न होता तो हम वंदे मातरम के बारे में नहीं जान पाते। उन्होंने कहा कि संघ की दी गई दृष्टि आज भी प्रासंगिक है। योगी मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पांच पूर्व सरसंघचालकों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित पुस्तकों का साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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सरसंघचालक वास्तव में इस राष्ट्रशरीर के पंच प्राण हैं

प्रभात प्रकाशन द्वारा आयोजित इस समारोह में उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों के माध्यम से कुछ लोगों द्वारा संघ के संबंध में फैलाई जाने वाली भ्रांतियों का निवारण होगा। संघ के पांचों पूजनीय सरसंघचालक वास्तव में इस राष्ट्रशरीर के पंच प्राण हैं।

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सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ाने का कार्य कर रहा है

योगी ने कहा, “दुनिया में संघ जैसा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है, जो बिना सरकारी मदद के अपने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रहा है। 1925 से संघ स्वत: स्फूर्त भाव से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ाने का कार्य कर रहा है। संघ ने हमें दृष्टि दी है कि हम व्यक्तिवादी, परिवारवादी, जातिवादी न बनें, हम किसी मत-मजहब के हो सकते हैं, पर धर्म एक है, वह है राष्ट्रधर्म।”

अपने भूगोल को भी सुरक्षित नहीं कर सकता

मुख्यमंत्री ने कहा, “पुस्तकों के माध्यम से ऐसे महान व्यक्तियों के जीवन के बारे में, जो समाज के लिए समर्पित थे, को जानने और पहचानने का मौका मिलेगा। पांचों दिवंगत विभूतियों ने समाज को बहुत कुछ दिया। जिसे अपने इतिहास का बोध नहीं होता वह अपने भूगोल को भी सुरक्षित नहीं कर सकता।”

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