क्या भारत में बैन होगा टेलीग्राम …!

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बीते दिनों पेरिस एयरपोर्ट से गिरफ्तार हुए टेलीग्राम के फाउंडर और सीईओ पावेल डुरोव के बाद से टेलीग्राम की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. ऐसे में भारत में भी अब टेलीग्राम की राह मुश्किल होती नजर आ रही है, क्योंकि मिली जानकारी के अनुसार, अब भारत में भी टेलीग्राम के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. यदि इस जांच में ऐप की चीजें नियमानुसार नहीं पाई जाती है तो टेलीग्राम को भारत में बैन किया जा सकता है.

इससे पहले डुरोव की गिरफ्तारी पर एलन मस्क ने प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि, ”बाल शोषण जैसे मामले इंस्टाग्राम पर भी सामने आ चुके हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. वजह साफ है कि मार्क जुकरबर्ग सरकारों के इशारों पर काम करते हैं.” ऐसे में अब आने वाले भविष्य में भारत में टेलीग्राम की स्थिति कहां जा सकती है, इस बारे में हम इस लेख में चर्चा करने जा रहे हैं.

टेलीग्राम पर आया डबल संकट

इन दिनों टेलीग्राम एप की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. एक तरफ टेलीग्राम के मालिक की गिरफ्तारी और दूसरी तरफ भारत में बैन होने का खतरा, दोनों ही किसी व्यापार की बर्बादी की शुरूआत है. ऐसे में मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ”लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप को जबरन वसूली और जुए जैसी आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है. कहा गया कि भारत सरकार की ओर से इस मामले पर टेलीग्राम के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. अगर चीजें सही पाई जाती हैं तो इसको बैन किया जा सकता है.”

टेलीग्राम का भारत में क्या होगा भविष्य ?

भारत सरकार की तरफ से यह जांच गृह मंत्रालय और MeetY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) कर रहा है. इससे यह स्पष्ट है कि टेलीग्राम की गतिविधियों में अक्सर गलतियां देखने को मिलती रही है. ऐसे में इस प्लेटफॉर्म को बैन करना सरकार के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. भारत में टेलीग्राम का भविष्य जांच एजेंसियों की प्रारंभिक जांच पर निर्भर करेगा. वहीं टेलीग्राम की गोपनीयता भी कई बार चर्चा में आ चुकी है.

इस जांच के ठीक एक दिन पहले टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव की फ्रांस में गिरफ्तारी हुई थी. फ्रांस में नाबालिगों के खिलाफ हिंसा को रोकने वाली संस्था OFMIN ने धोखाधड़ी, ड्रग्स तस्करी, साइबर बुलिंग, संगठित अपराध और आतंकवाद को बढ़ावा देने सहित कथित अपराधों की प्रारंभिक जांच में डुरोव को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. साथ ही डुरोव पर प्लेटफॉर्म के आपराधिक उपयोग को रोकने में विफल रहने का शक है. जांचकर्ताओं में से एक अधिकारी ने कहा है कि टेलीग्राम पर बहुत गड़बड़ी चल रही है.’ वे हैरान थे कि डुरोव यह जानते हुए भी पेरिस आया जबकि वह जानता था कि वह यहां वॉन्टेंड है और उसे गिरफ्तार किया जा सकता है.

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UGC-NEET के पेपर लीक मामले में शामिल था नाम

– app को पहले भी गलत जानकारी फैलाने और गलत गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आलोचनाएं मिली थी.

-UGC-NEET विवाद में मेडिकल प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक हुआ और प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया.

-कथित तौर पर प्लेटफॉर्म पर पेपर की कीमत 5,000 से 10,000 रुपये के बीच थी.

अपराधी पाए जाने पर डुरोव पर क्या होगी कार्रवाई ?

आपको बता दें कि, यदि पावेल डुरोव इस मामले में अपराधि पाए जाते हैं तो, उनपर क्या कार्रवाई होगी ? यदि आपके दिमाग में भी यह सवाल घूम रहा है तो, आपको बता दें कि डुरोव को 20 साल की सजा हो सकती है. इसके साथ ही एक मोटी धनराशि का इनपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

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कब अस्तित्व में आया था टेलीग्राम ?

2013 में इस ऐप की शुरूआत हुई थी. इसकी शुरूआत दो भाई पावेल और निकोलाई डुरोव ने मिलकर की थी. वहीं साल 2015 में कंपनी ने 6 करोड़ एक्टिव यूजर्स को पार किया था. कंपनी को अपने शुरुआती दिनों में रेवेन्यू बनाने में बहुत मुश्किल हुई. इस समस्या को हल करने के लिए कंपनी ने टेलीग्राम प्रीमियम भी शुरू किया था. जिसके बाद इसके यूजर्स में बढोतरी हुई थी. अब सब कुछ सही चल रहा था कि इस बीच टेलीग्राम की दूसरी मुश्किले खड़ी हो गई है.

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