गाजियाबाद पुलिस सीएम योगी को कर रही है गुमराह !
योगी सरकार को लगता है कि उनके आईजीआरएस पोर्टल पर मिलने वाली समस्याओं का पुलिसकर्मी समाधान कर सही रिपोर्ट देते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आईजीआरएस पोर्टल पर पुलिसिया कार्रवाई की गलत रिपोर्ट देकर सरकार को भ्रमित किया जा रहा है। लोगों को न्याय नहीं मिल रहा बल्कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। इसका उदाहरण है गाजियाबाद के गुलमोहर एनक्लेव राकेश मार्ग निवासी गौरव बंसल का मामला जिसमें दागी दारोगा के खिलाफ शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही और सीएम के पोर्टल पर मामले की गलत रिपोर्ट भेजकर सरकार को गुमराह किया जा रहा।
सोसाएटी में खुलेआम शराब पीने का विरोध करने की सजा
इस मामले में जर्नलिस्ट कैफे ने पीड़ित फाइनैंस कारोबारी गौरव बंसल से बात की तो उन्होंने बताया कि वो बुलंदशहर जनपद के जहांगीराबाद कस्बे के रहने वाले हैं। बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए गौरव अपने परिवार के साथ कुछ साल पहले गाजियाबाद शिफ्ट हुए थे और गुलमोहर एनक्लेव राकेश मार्ग में रहते हैं।
पीड़ित गौरव बंसल ने बीते दिनों सोसायटी में कुछ दबंगों के खुलेआम शराब पीने का विरोध किया, जिसके बाद से उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पीड़ित ने सोसायटी में खुलेआम शराब पीने की शिकायत आरडब्ल्यूए के अधिकारियों से की थी।
जिसके बाद पीड़ित के मोबाइल नंबर पर 9910892356 से कॉल आई। फोन करने वाले ने अपना नाम गौरव गर्ग बताया जो गुलमोहर एन्क्लेव में एसपी/2/502 का निवासी है। उसने फोन पर गौरव बंसल से कहा कि तुमने मेरी शराबबाजी का वीडियो बनाया है। आरडब्ल्यू अध्यक्ष मनवीर चौधरी ने मुझे बताया कि तुमने मेरा शराब पीते हुए वीडियो बनाया है। गौरव गर्ग ने कहा कि मैं किसी से भी डरता नहीं हूं, मुझसे पंगा लेना तुझे बहुत भारी पड़ेगा और मैं तुझे जल्दी ही देख लूंगा। मिली जानकारी के मुताबिक, गौरव गर्ग आपराधिक किस्म का व्यक्ति है जो आए दिन लोगों के साथ मारपीट करता है।
दबंगों को संरक्षण देता है दागी दारोगा
पीड़ित के मुताबिक, कुछ दिनों पहले आरडब्लयू अध्यक्ष मनवीर चौधरी की गौरव बंसल से कहासुनी हो गई थी मामला वही सोसायटी में शराब पीने का रहा। इस मामले के बाद से ही उन्हें धमकी भरे फोन आने लगे। यहां बता दें कि पीड़ित को धमकाने वाले मनवीर चौधरी को सिहानीगेट एसओ अपना बड़ा भाई बताता है।
Also Read : मायावती ने BSP में किये बदलाव, कुशवाहा को यूपी की कमान
पुलिस हिरासत में हत्या के आरोप में सवा साल जेल काट चुका दारोगा अब गौरव बंसल पर दबाव बना रहा है। दारोगा ने पीड़ित से कहा कि तुम दबंग के साथ टीम बनाकर रहो, लेकिन पीड़ित ने जब इस बात का विरोध किया तो एसओ विनोद कुमार पांडेय गौरव बंसल से रंजिश मानने लगा।
यही नहीं, सिहानीगेट एसओ विनोद कुमार पांडेय चौकी प्रभारी से बार-बार कहता है कि किसी व्यक्ति के जरिए पीड़ित गौरव बंसल के खिलाफ शिकायत पत्र लेकर उसे जेल में बंद कर दो। ऐसे में जब पीड़ित के परिचित ने दागी दारोगा से कहा कि गौरव बंसल अच्छा व्यक्ति है तो विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि अगर मैंने गौरव बंसल को जेल की हवा नहीं खिलाई तो मैं परशुराम और अपने पिता की औलाद नहीं हूं।
आईजीआरएस पर गलत रिपोर्ट दे रहे हैं अधिकारी
पीड़ित गौरव बंसल ने आईजीआरएस पोर्टल पर दी हुई शिकायत में जिक्र किया है कि एसओ सिहानीगेट विनोद कुमार पांडेय की जांच उसी दारोगा को सौंपी जिसके खिलाफ पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई थी। एसओ विनोद कुमार पांडेय ने अपनी जांच का जिम्मा अपने थाने में तैनात एसएसआई राजेंद्र सिंह खोड़ा को दे दी। इस मामले में एसएसआई राजेंद्र सिंह खोड़ा ने शिकायतकर्ता के द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को गलत सिद्ध कर दिया और अपने थाने के एसओ विनोद पांडे को क्लीन चिट दे दी।
ऐसे में पीड़ित गौरव बंसल ने सवाल उठाया है कि जिस एसओ के खिलाफ उसने शिकायत की उसी दारोगा को अपनी ही जांच करने की जिम्मेदारी दे दी गई, क्या ये न्याय संगत है? सवाल है कि एक अधीनस्थ दारोगा अपने एसओ के खिलाफ कैसे जांच करके रिपोर्ट दे सकता है? समझ में नहीं आ रहा है कि इस बदतमीज एसओ मामले में एसएसपी या बड़े अफसर क्यों आश्चर्यजनक ढंग से चुप हैं?