आखिर क्यों गिर रहा है भारतीय शेयर बाजार, यह है मुख्य कारण…

निफ़्टी 25 हजार और सेंसेक्स 81 हजार

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नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार कोरोना काल के बाद से उछल कूद मचाये हुए है. शेयर बाजार में कभी तेजी तो कभी गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है, लेकिन इस समय पिछले 6 दिनों से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के चलते हाहाकार मचा हुआ है. पिछले साल दिसंबर से मार्केट में जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी. वहीं वर्तमान की बात करें तो निफ़्टी 25 हजार और सेंसेक्स 81 हजार के ऊपर है.

तो आइये जानते हैं क्या है कारण…

इजराइल- ईरान युद्ध…

गौरतलब है कि निफ़्टी और सेंसेक्स में आई गिरावट के पीछे कई वजह बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि मिडिल ईस्ट में इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध के चलते निवेशकों को कच्चे तेल में तेजी से महंगाई बढ़ने का डर और चीन फैक्टर से नुकसान का डर सता रहा है.

कोरोना में धराशाई हुई थी चीन की अर्थव्यवस्था…

अनुमान में यह भी कहा जा रहा है कि कोरोना काल के बाद चीन की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई थी. इसलिए अपनी इकोनॉमी में नई जान फूंकने के लिए चीन की सरकार ने प्रोत्साहन पैकेज का एलान किया. इसके चलते विदेशी निवेशक भारत को छोड़कर चीन की ओर रुख करने लगे.

Stimulus Package क्या है…

स्टिमुलस पैकेज (Stimulus Package) यानी प्रोत्साहन पैकेज आर्थिक उपायों का एक पैकेज है, जिसे सरकार एक कमजोर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए लागू करती है. स्टिमुलस पैकेज का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और रोजगार व व्यय को बढ़ावा देने के जरिये मंदी से बचाना या उसे बदलना है.

स्टिमुलस पैकेज की उपयोगिता के पीछे का सिद्धांत कीन्स के अर्थशास्त्र में छुपा है. इसमें तर्क दिया गया है कि मंदी खुद से दुरुस्त नहीं हो सकती, इसलिए सरकार का हस्तक्षेप मंदी के प्रभाव को कम कर सकता है. उदाहरण के लिए, स्टिमुलस या बढ़ा हुआ सरकारी व्यय, घटे निजी व्यय की क्षतिपूर्ति कर सकता है जिससे कुल मांग को बढ़ावा दिया जा सकता है और अर्थव्यवस्था में आउटपुट गैप को बंद किया जा सकता है.

भारत छोड़ चीन चले FII …

वहीं यह भी कहा जा रहा है कि चीन के एलान के बाद अब बड़ी संख्या में निवेशक चीन में बड़ी तेजी की उम्मीद कर रहे हैं. ऐसे में विदेशी निवेशक सस्ते वैल्युएशन का फायदा उठाने के लिए बीजिंग में निवेश बढ़ा रहे हैं. इतना ही नहीं पिछले कुछ दिनों में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) ने भारतीय बाजारों में 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है. बीते सप्ताह सेंसेक्स के 4,000 अंक से ज्यादा टूटने पर निवेशकों को 16 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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ब्रोकरेज फर्म CLSA ने की चीन की सराहना…

गौरतलब है कि चीन के इस फैसले के CLSA ने चीन के आर्थिक फैसलों को सराहा है और भारतीय बाजारों पर अपना ओवरवेट कम करके चीनी शेयर मार्केट में ओवरवेट बढ़ाया है. सीएलएसए ने कहा कि वह भारत के ओवरवेट को 20% से घटाकर 10% करके चीन को 5% ओवरवेट तक कर रहा है.

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क्यों बढ़ रहा सोना- चांदी का दाम

लखनऊ के हज़रतगंज स्थित मोतीलाल ओसवाल के शेयर मार्किट ऑफिस में काम करने वाले राजेंद्र ने Journalist cafe से बातचीत में बताया कि पहले कहा जाता था कि जब सोना- चांदी मंहगा होता है तब शेयर टूटता है और जब शेयर बढ़ता है तब सोना चांदी सस्ता होता है. वहीं अब ऐसा नहीं है. तेजी से बदलते परिवेश में इसका कोई महत्त्व नहीं बचा है. पिछले दो साल से देखा जा रहा है कि शेयर बाजार में तेजी से इजाफा हो रहा है और सोने- चांदी के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं.

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