…तो इसलिए मंदिर में प्रवेश करने से पहले बजाते हैं घंटा

0

आपने अक्सर मंदिरों (Tepmle) के गेट पर कई सारे घंटे बंधे हुए देखते हैं. कोई भी भक्त मंदिर के अंदर प्रवेश करने से पहले गेट पर लटकते इन घंटों को बजाता है फिर मंदिर (temple) के अंदर प्रवेश करता है. ऐसा माना जाता है कि, इससे मंदिर के अंदर स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत हो जाती है. तो आइये आज हम आपको इससे जुड़ी और भी कई बातें बताते हैं जो शायद आप नहीं जानते होंगे.

घंटा बजाने से देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है

मंदिर (temple) में घंटे लगाने की वजह बेहद खास है। जब कभी भी को भक्त सुबह या शाम को मंदिर में पूजा करने आता है तब वह घंटे बजाता है। ऐसी मान्यता है कि घंटा बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है।

घंटे को काल का प्रतीक भी माना जाता है

मंदिर के बाहर लगे घंटे को काल का प्रतीक भी माना जाता है. जब सृष्टि का प्रारम्भ हुआ तब जिस प्रकार की आवाज गूंजी थी, वैसी ही आवाज घंटे बजाने पर भी आती है. इसी वजह से मंदिर में प्रवेश से पहले घंटा बजाया जाता है. संत-महात्माओं का कहना है कि जब धरती पर प्रलय आएगी, तब भी घंटे बजाने जैसा ही नाद सुनाई देगा.

यह भी पढ़ें- राशिफल 16 अप्रैल 2021 : जानें कैसा रहेगा आज आपका दिन?

इसके अलावा मंदिर (temple) में घंटा बजाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि घंटा बजाने से वातावरण में कंपन पैदा होता है। यह वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। घंटा बजाने के बाद वायुमंडल में पैदा हुए कंपन की सीमा में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं। इससे मंदिर और उसके आसपास का वातावरण बिल्कुल शुद्ध हो जाता है.

माना जाता है कि जहां हर रोज घंटा (temple) बजने की आवाज आती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र रहता है. घंटे बजाने से नकारात्मक शक्तियां भी खत्म हो जाती हैं और इंसान की जिंदगी में सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं.

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप डेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More