अगर दुनिया की सबसे बड़ी कोई मजबुरी है तो वो गरीबी है। ये वो मजबूरी है साहब जो कुछ भी करा लेती है। कुछ ऐसा ही मामला त्रिपुरा में देखने को मिला जहां एक बाप की गरीबी और लाचारी ने उसकी बेटी को बिकवा दिया। जहां एक ओर केंद्र सरकार द्वारा देशभर में ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ योजना चलाई जा रही है वहीं कुछ इस तरह की घटनाएं भी सामने आ रहीं हैं जो बेहद निराशाजनक होने के साथ-साथ सामाजिक मानसिकता पर प्रश्न चिह्न खड़े करती है। त्रिपुरा में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक व्यक्ति के गरीबी का हवाला देते हुए अपनी 8 महीने की बच्ची को बेच दिया।
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यह हैरान कर देने वाली घटना त्रिपुरा के तेलियामुरा के महारानीपुर की है जहां के आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति ने मात्र 200 रुपये की खातिर अपनी 8 माह की बच्ची को बेच दिया। पूछने पर आरोपी ने बताया कि गरीबी के चलते वह ऐसा कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर हुआ।
11 दिन के बच्चे को 5,000 रुपये में बेच दिया था
आपको बता दें कि इससे पहले भी भारत के अलग-अलग हिस्सों में गरीबी का हवाला देते हुए बेटियों को बेचे जाने की खबर आ चुकी है। कुछ माह पहले त्रिपुरा में ही एक आदिवासी मां ने महज 200 रुपये में अपने कलेजे के टुकड़े को बेच दिया। महिला गरीबी रेखा से नीचे के वर्ग की थी, उसने अपने बच्चे को पिछले महीने यहां लक्ष्मीपुर एडीसी गांव निवासी एक ऑटो ड्राइवर को बेच दिया। वहीं त्रिपुरा में ही एक आदिवासी महिला ने बीमार पति के इलाज के लिए अपने 11 दिन के बच्चे को 5,000 रुपये में बेच दिया था।
(साभार – दैनिक जागरण)
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