देश की जीडीपी में होगी जबरदस्त बढ़ोतरी
चालू वित्त वर्ष में देश के अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7.5 फीसदी होगी, जो अगले चार वर्षो में बढ़कर आठ फीसदी हो जाएगी। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2016-17 के जीडीपी आंकड़े जारी करने से पहले बुधवार को यह अनुमान जारी किया है।मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रिपोर्ट में कहा, “हमें भारत की वृद्धि दर में मामूली तेजी की उम्मीद है। हमारे अनुमान के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2017 (2017-18) में 7.5 फीसदी और वित्त वर्ष 2018 (2018-19) में 7.7 फीसदी रहेगी।”
रपट में कहा गया है, “कुल मिलाकर हमारा मानना है कि अगले तीन से चार सालों में भारत के अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर धीरे-धीरे बढ़कर आठ फीसदी हो जाएगी।अमेरिकी एजेंसी ने यह भी कहा कि आठ नवंबर को की गई नोटबंदीका अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव की आकार व अवधि सीमित थी।
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चालू वित्त वर्ष में देश के अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7.5 फीसदी होगी, जो अगले चार वर्षो में बढ़कर आठ फीसदी हो जाएगी। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2016-17 के जीडीपी आंकड़े जारी करने से पहले बुधवार को यह अनुमान जारी किया है।मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रिपोर्ट में कहा, “हमें भारत की वृद्धि दर में मामूली तेजी की उम्मीद है। हमारे अनुमान के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2017 (2017-18) में 7.5 फीसदी और वित्त वर्ष 2018 (2018-19) में 7.7 फीसदी रहेगी।”
रपट में कहा गया है, “कुल मिलाकर हमारा मानना है कि अगले तीन से चार सालों में भारत के अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर धीरे-धीरे बढ़कर आठ फीसदी हो जाएगी।अमेरिकी एजेंसी ने यह भी कहा कि आठ नवंबर को की गई नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव की आकार व अवधि सीमित थी।
रिपोर्ट में कहा गया, “सत्ताधारी भारतीय जनता दल (भाजपा) की उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत इस बात का संकेत है कि नोटंबदी के बावजूद सरकार राजनीतिक रूप से लोकप्रिय बनी हुई है।”सरकार ने कई प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाया है, जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को आसान बनाना, खाद्य, उवर्रक और केरोसिन सब्सिडी को सीधे खाते में स्थानांतरित करना, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करना तथा राष्ट्रीय दिवालिया संहिता बनाना शामिल है।मूडीज ने कहा, “यह सब मिलकर अक्षमता को घटाएगा तथा दीर्घावधि में विकास दर को बढ़ाएगा।”
चालू वित्त वर्ष में देश के अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7.5 फीसदी होगी, जो अगले चार वर्षो में बढ़कर आठ फीसदी हो जाएगी। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2016-17 के जीडीपी आंकड़े जारी करने से पहले बुधवार को यह अनुमान जारी किया है।मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रिपोर्ट में कहा, “हमें भारत की वृद्धि दर में मामूली तेजी की उम्मीद है। हमारे अनुमान के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2017 (2017-18) में 7.5 फीसदी और वित्त वर्ष 2018 (2018-19) में 7.7 फीसदी रहेगी।”
रपट में कहा गया है, “कुल मिलाकर हमारा मानना है कि अगले तीन से चार सालों में भारत के अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर धीरे-धीरे बढ़कर आठ फीसदी हो जाएगी।अमेरिकी एजेंसी ने यह भी कहा कि आठ नवंबर को की गई नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव की आकार व अवधि सीमित थी।
रिपोर्ट में कहा गया, “सत्ताधारी भारतीय जनता दल (भाजपा) की उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत इस बात का संकेत है कि नोटंबदी के बावजूद सरकार राजनीतिक रूप से लोकप्रिय बनी हुई है।”सरकार ने कई प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाया है, जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को आसान बनाना, खाद्य, उवर्रक और केरोसिन सब्सिडी को सीधे खाते में स्थानांतरित करना, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करना तथा राष्ट्रीय दिवालिया संहिता बनाना शामिल है।मूडीज ने कहा, “यह सब मिलकर अक्षमता को घटाएगा तथा दीर्घावधि में विकास दर को बढ़ाएगा।”
रिपोर्ट में कहा गया, “सत्ताधारी भारतीय जनता दल (भाजपा) की उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत इस बात का संकेत है कि नोटंबदी के बावजूद सरकार राजनीतिक रूप से लोकप्रिय बनी हुई है।”सरकार ने कई प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाया है, जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को आसान बनाना, खाद्य, उवर्रक और केरोसिन सब्सिडी को सीधे खाते में स्थानांतरित करना, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करना तथा राष्ट्रीय दिवालिया संहिता बनाना शामिल है।मूडीज ने कहा, “यह सब मिलकर अक्षमता को घटाएगा तथा दीर्घावधि में विकास दर को बढ़ाएगा।”
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